

सब इंस्पेक्टर आईटीबीपी प्रेम सागर
मेरी चाहत है संग तेरे
घुल जाएं सारे रंग मेरे
पर तू बड़ी दूर प्रिय
यह लम्हे बड़े मजबूर प्रिय
मेरे अल्फाजों को रंग समझना
मेरे एहसासों में पंख प्रिय
रंगों को तुम गानों पर लगाना
मेरे ख्वाबों में तुम खो जाना
प्यार के रंगों से भरना पिचकारी
रंग देना तुम दुनिया सारी
खुशियों में भीग जाना प्रिय
मंद मंद शर्माना प्रिय
कोई ना करना गम प्रिय
हम हैं तुम्हारे हैं संग प्रिय
मेरे अल्फाज ही है मेरी बोली
मुबारक हो आपको प्रेम से होली।।




