
जिंदगी में अच्छी उतार लो आदत
अपने ईस्ट से थोड़ी, कर लो इबादत
पापों से कभी ना भरना घड़ा,
क्योंकि पापों का होता है बोझ बड़ा
अच्छी आदत है जल्दी उठने की
बुरी आदत है हर जगह रुकने की
आदत में बुरे विचार ना लाओ
बुरी आदत में समय न गंवाओ
हर आदमी की आदत का स्मरण रखो
अच्छी आदत वाले से ही बास्ता रखो
दारू बीड़ी सिगरेट है समान बर्बादी का
जायदा खर्चा भी, है रास्ता बर्बादी का
आदत से बनते, आदत से बिगड़ते
आदत से होता खस्ताहाल
आदत चोरी की ,आदत घूसखोरी की
आदत ही पहुंचाए सदा जेल के द्वार
अच्छा अपनाओ बुरा ठुकुराओ
हमेशा आदत में यह कर लो शुमार
नदी मिलती है सागर मे जैसे
अच्छी आदत बिना
ना प्रीत मिले ,ना यार
ना प्रीत मिले , ना यार।। जयहिंद।।