बागवानी क्षेत्र में नवाचार की ओर बढ़ता हिमाचल: निदेशक विनय सिंह का रोहड़ू दौरा
पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन को नई दिशा: हिमाचल में सौर ऊर्जा चालित कोल्ड स्टोरेज का मॉडल विकसित

बागवानी क्षेत्र में नवाचार की दिशा में एक और कदम: निदेशक बागवानी श्री विनय सिंह (IAS)ने रोहड़ू क्षेत्र में विभिन्न इकाइयों का किया निरीक्षण

हिमाचल प्रदेश के निदेशक बागवानी श्री विनय सिंह (IAS) ने हाल ही में रोहड़ू क्षेत्र का दौरा कर स्थानीय स्तर पर चल रही बागवानी से संबंधित नवाचारों, प्रसंस्करण इकाइयों और भंडारण व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य फसल तुड़ान के बाद उपज को सुरक्षित रखने, मूल्यवर्धन करने और किसानों की आय में वृद्धि हेतु चल रही पहलों का मूल्यांकन करना था।

निरीक्षण में सम्मिलित अधिकारी
इस निरीक्षण दौरे में निदेशक महोदय के साथ अतिरिक्त निदेशक डॉ. सतीश शर्मा, विषय विशेषज्ञ (MIDH) डॉ. समीर सिंह राणा, विषय विशेषज्ञ शिमला डॉ. कुशाल सिंह मेहता, स्थानीय विषय विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी चौहान, उधान विकास अधिकारी रोहड़ू डॉ. यशवंत बगिन्टा, उधान विकास अधिकारी छोहारा डॉ. कपिल देव, और सुपरीटेंडेंट श्री राजेन्द्र शर्मा उपस्थित रहे।

विभिन्न इकाइयों का अवलोकन
निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान श्री सिंह ने सबसे पहले सिंडोर में स्थानीय रूप से निर्मित साइज ग्रेडिंग एवं कलर सॉर्टिंग मशीन का निरीक्षण किया, जो फलवर्गीय फसलों को गुणवत्तानुसार वर्गीकृत करने में सहायक है। इसके उपरांत, उन्होंने बराड़ा रोड स्थित “नेचर ऊर्जा प्रा. लि.” में सेब से संबंधित लघु प्रसंस्करण इकाइयों जैसे डिहाइड्रेटर, जैम, चटनी, जूस निर्माण इकाई का निरीक्षण किया। इसके साथ ही रेड राइस टी, गुच्छी टी और कुलथ की चाय जैसे स्थानीय उत्पादों की प्रस्तुति भी देखी गई, जिनका वाणिज्यिक मूल्य उच्च है।
इसके पश्चात उन्होंने PBEE फार्म – सनी चौहाण (ऊपरी बाजार, रोहड़ू) में स्थित शहद प्रसंस्करण इकाई का दौरा किया। दौरे का अंतिम पड़ाव अंध्रा रहा, जहां उन्होंने 10 मीट्रिक टन की सौर ऊर्जा चालित मॉड्यूलर कोल्ड स्टोर इकाई का निरीक्षण किया, जिसे छुवारा वैली एप्पल सोसाइटी द्वारा GIZ के सहयोग से स्थापित किया गया है। यह कोल्ड स्टोर स्थानीय उत्पादों के भंडारण के लिए एक अत्यंत उपयोगी मॉडल है।
राज्य सरकार की पहल: पोस्ट हार्वेस्ट के लिए माइक्रो कोल्ड स्टोरेज
राज्य सरकार “पोस्ट हार्वेस्ट फसल प्रबंधन” को प्राथमिकता देती है ताकि बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। अक्सर यह देखा गया है कि फसल तुड़ान के बाद किसानों को जल्दबाज़ी में मंडियों में फसल बेचनी पड़ती है, जिससे उन्हें बाज़ार दरों का लाभ नहीं मिल पाता। इस समस्या के समाधान के लिए विभाग द्वारा विशेष योजना बनाई गई है।
इस योजना के तहत, 500 पेटी क्षमता वाले सौर ऊर्जा से चालित प्री-फैब्रिकेटेड माइक्रो कोल्ड स्टोर स्थापित किए जाएंगे।
प्रत्येक कोल्ड स्टोर की लागत: ₹20 लाख
सरकार द्वारा अनुदान: ₹10 लाख (MIDH योजना के अंतर्गत)
अनुदान की राशि सीधे बागवानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
यह योजना छोटे और सीमांत बागवानों को अपनी उपज को संग्रहित करने, उचित समय पर विक्रय करने और मुनाफा बढ़ाने का सशक्त माध्यम प्रदान करेगी।
निदेशक बागवानी का यह दौरा राज्य में बागवानी क्षेत्र के विकास हेतु की जा रही सरकारी पहलों, स्थानीय नवाचारों, और वैज्ञानिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा बल्कि हिमाचल प्रदेश की कृषि और बागवानी अवसंरचना और अधिक मज़बूत होगी।



