स्वास्थ्य

खास खबर : कोविड-19 की व्‍यापकता का पता लगाने के लिए अब ये है पहल

सीएसआईआर के महानिदेशक ने कोविड-19 की व्‍यापकता का पता लगाने के लिए सीवेज और एयर सर्विलांस सिस्‍टम के बारे में उपराष्‍ट्रपति को प्रस्‍तुतीकरण दिया

 

उपराष्‍ट्रपति को सीएसआईआर की विभिन्‍न प्रयोगशालाओं द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई

 

महानिदेशक ने इस प्रणाली को भारतीय संसद में स्‍थापित करने का सुझाव दिया

 

उपराष्‍ट्रपति ने लोकसभा अध्‍यक्ष और सरकार के साथ इस विषय पर चर्चा करने का आश्‍वासन दिया।वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे ने कोविड-19 की व्यापकता का पता लगाने के लिए सीवेज और एयर सर्विलांस सिस्टम के बारे में उपराष्ट्रपति और राज्‍यसभा के सभापति श्री एम. वें‍कैया नायडू के समक्ष प्रस्तुकतीकरण दिया

डॉ. मांडे के साथ डॉ. राकेश मिश्रा, निदेशक, सेंट्रल फॉर सेल्‍युलर एंड मॉल्‍यूक्‍यूलर बॉयलोजी (सीसीएमबी) डॉ. एस. चन्‍द्रशेखर, निदेशक इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्‍नोलॉजी (आईआईसीटी), डॉ. वेंकटा मोहन, आईआईसीटी और डॉ. अत्‍या कापले, एनईईआरआई, नागपुर भी उपस्थित थे।

 

डॉ. मांडे ने उपराष्ट्रपति को सीएसआईआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी। सीएसआईआर महानिदेशक ने उपराष्‍ट्रपति को जानकारी दी कि सीवेज निगरानी किसी भी आबादी में संक्रमित लोगों की संख्‍या के बारे में गुणात्‍मक एवं मात्रात्‍मक अनुमान प्रदान करती है और इसका उपयोग कोविड-19 के बढ़ने की प्रक्रिया को समझने के लिए उस समय किया जा सकता है, जब बड़े पैमाने पर लोगों के परीक्षण करने संभव नहीं होते हैं। यह वास्‍तविक समय में समुदायों में कोविड के प्रसार की समग्र निगरानी करने का एक उपाय है।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

 

डॉ. मांडे ने सीवेज निगरानी की प्रासंगिकता पर कहा कि कोविड-19 मरीजों के मल में एसएआर-सीओवी2 विषाणु होते हैं और ये विषाणु रोगकारक लक्षणों वाले मरीजों के साथ-साथ बिना लक्षणों वाले मरीजों के मल में भी पाए जाते हैं और इस प्रकार से सीवेज में इस विषाणु के प्रसार से संक्रमण के रुझान के बारे में जानकारी मिल जाती है।

 

डॉ. मांडे ने हैदराबाद, प्रयागराज (इलाहाबाद), दिल्‍ली, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, पुद्दुचेरी और चेन्‍नई में संक्रमण की प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए सीवेज निगरानी से संबंधित आंकड़ों को भी पेश किया और यह भी बताया कि इन प्रकार से लोगों की संख्‍या के बारे में एक अनुमान प्राप्‍त हो जाता है, क्‍योंकि व्‍यक्तिगत स्‍तर पर नमूनाकरण किया जाना संभव नहीं होता है। दूसरी तरफ, नियमित परीक्षण से केवल वही आंकड़े हासिल हो सकते हैं, जिनमें व्‍यक्तिगत स्‍तर पर लोगों की जांच की गई है।

 

डॉ. मांडे ने बताया कि कोविड-19 की सीवेज निगरानी न केवल इस महामारी को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्‍य में कोविड-19 के फैलने और उसका समय पर जल्‍द से जल्‍द पता लगाने के लिए भी महत्‍वपूर्ण साबित होगी।

 

उन्‍होंने विषाणुओं के कणों और उनकी संक्रमण की क्षमता पर निगरानी रखने के लिए वायु नमूनाकरण प्रणाली स्‍थापित करने का भी सुझाव दिया।

 

उपराष्‍ट्रपति ने इन सभी वैज्ञानिकों को उनके कार्यों के लिए बधाई दी और प्रतिनिधिमंडल को आश्‍वासन दिया कि वह इस विषय पर लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला और सरकार के साथ चर्चा करेंगे।     

 

 

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close