शिक्षा

अब कोविड के मामले कम तो अल्टरनेट डे पर स्कूल क्यों?

 

अभिभावक संघ के मुताबिक कोरोना प्रतिबंध से उबरने के उपरांत हमारा यह मानना है कि अब 100 प्रतिशत रोज़ बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर सकें ताकि पिछले दो साल के दौरान पढाई में जो क्षति हुई है उस की क्षतिपूर्ति भी यथाशीघ्र हो सके। पढाई में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी स्कूलों को अब सप्ताह के 6 कार्यदिवस के अनुसार ही कक्षाएं सुचारू रूप से चलने चाहिए। जिन स्कूलों में छात्रों की अधिक संख्या है वे स्कूल दो शिफ्ट में कक्षा चलाएं। कोरोना काल के दो साल के क्षति के बाद सप्ताह में केवल 3 दिन कक्षाएं चलाने से राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता के मध्यनज़र बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। शिमला में कुछ स्कूल अभी भी 50 प्रतिशत संख्या में ही बच्चों को स्कूल में आने के लिए ही कह रहे हैं। जबकि कुछ शत् प्रतिशत उपस्थिति के साथ पढाई करवा रहे है। 

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वैसे भी बहुत सारे राज्यों ने अपने यहाँ पर जनजीवन कोरोना काल से पूर्व सामान्य अवस्था तक लाने के लिए केंद्र सरकार के आदेशों का पालन करते हुए जनमानस को राहत दी है और स्कूल भी पूरी संख्या के साथ उन राज्यों में खुल चुके हैं। अब सौभाग्य से हमारे देश के साथ साथ हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के बहुत कम मामले आ रहे हैं।   

 

अतः यह निवेदन किया जाता है कि प्रदेश में सभी स्कूल सुचारु और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अब पूरी संख्या के साथ हररोज बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित किया जाये। सभी स्कूल अब भविष्य की पीढ़ी को अनिवार्य तौर पर स्कूल प्रांगण में शिक्षा प्रदान करें। 

 

 

 

 

 

 

Deepika Sharma

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