विविध

जल जीवन मिशन के तहत देश के 100 जिले ‘हर घर जल’ से जुड़े

चंबा: हिमाचल प्रदेश का यह जिला 100वां 'हर घर जल' जिला बना

No Slide Found In Slider.

भारत सरकार के मुताबिक जल जीवन मिशन 2024 तक हर ग्रामीण परिवार तक नल का पानी पहुंचाने के सरकार के संकल्प को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है

No Slide Found In Slider.

 

 

16 जनवरी, 2022 को 9 करोड़ से अधिक घरों में नल का साफ पानी पहुंचाने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के बाद, आज जल जीवन मिशन ने देश के 100 जिलों के हर घर में नल का पानी पहुंचाकर एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया। हिमाचल प्रदेश का आकांक्षी जिला, चंबा देश का 100वां ‘हर घर जल’ जिला बना है। चंबा ‘हर घर जल’ बनने वाला पांचवां आकांक्षी जिला है। अन्य चार हर घर जल आकांक्षी जिले- भद्राद्री कोठागुडम, जयशंकर भूपलपल्ली, कोमाराम भीम आसिफाबाद (सभी तेलंगाना में) और हरियाणा का मेवात है।

 

2024 तक हर घर में नल का साफ पानी उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए, ढाई साल की छोटी अवधि में और कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन ने 5.78 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक नल का पानी पहुंचा दिया है। इसके परिणामस्वरूप, आज देश के 100 जिले नल से स्वच्छ जल की आपूर्ति का लाभ उठा रहे हैं और जल जीवन मिशन 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के सरकार के संकल्प को पूरा करने के लिए सही दिशा में है।

 

15 अगस्त 2019 को मिशन की घोषणा के समय, 19.27 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ विजन के तहत, इस छोटी सी अवधि में 100 जिले, 1,138 ब्लॉक, 66,328 ग्राम पंचायतें और 1,36,803 गांव ‘हर घर जल’ योजना से जुड़ चुके हैं। गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुदुचेरी, दादर और नगर हवेली और दमन व दीव में हर ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति है। पंजाब (99%), हिमाचल प्रदेश (92.5%), गुजरात (92%) और बिहार (90%) जैसे कई और राज्य 2022 में ‘हर घर जल’ बनने की कगार पर हैं।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0015N88.jpg

 

पांच साल की अवधि में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के विराट लक्ष्य को हासिल करने के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 3.8 करोड़ परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 में ‘हर घर जल’ के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

 

उपरोक्त के अलावा, 2021-22 में ग्रामीण स्थानीय निकायों/पीआरआई को पानी और स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में राज्यों को 26,940 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अगले पांच साल यानी 2025-26 तक 1,42,084 करोड़ रुपये की सुनिश्चित फंडिंग का प्रावधान किया गया है। देशभर के ग्रामीण इलाकों में यह भारी-भरकम निवेश आर्थिक गतिविधियों को तेज कर रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है, साथ ही गांवों में रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है।

 

पहले के जल आपूर्ति कार्यक्रमों से इतर एक महत्वपूर्ण बदलाव के साथ, जल जीवन मिशन केवल जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के निर्माण पर नहीं बल्कि जल वितरण पर ध्यान केंद्रित करता है। जल जीवन मिशन का सिद्धांत है ‘कोई भी छूटे नहीं’, इस प्रकार से यह सुनिश्चित करता है कि हर परिवार को उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर गौर किए बगैर नल का पानी मिले। जल जीवन मिशन माताओं और बहनों को घर के लिए पानी लाने के सदियों पुराने कष्ट से मुक्ति और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रयास करता है। यह मिशन ‘जीवन सुगमता’ ला रहा है और ग्रामीण परिवारों को गौरव और सम्मान की अनुभूति करा रहा है।

No Slide Found In Slider.

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002IUBD.png

 

 

 

जल जीवन मिशन के तहत गुणवत्तापूर्ण पानी के अभाव वाले गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुसंख्यक गांवों, पानी की कमी वाले क्षेत्रों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गावों को नल से जल आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्राथमिकता दी जाती है। पिछले 24 महीनों में 117 आकांक्षी जिलों में नल के पानी की आपूर्ति 24 लाख (7.17 प्रतिशत) से चार गुना बढ़कर लगभग 1.37 करोड़ (40 प्रतिशत) हो गई है। इसी तरह, जापानी इंसेफलाइटिस-एक्यूट इंसेफलाइटिस सिन्ड्रोम (जेई-आईईएस) से प्रभावित 61 जिलों में 1.15 करोड़ से अधिक परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति प्रदान की गई है। जेजेएम की घोषणा से पहले, जेई-आईईएस प्रभावित जिलों में केवल 8 लाख घरों (2.64प्रतिशत) में नल के पानी की आपूर्ति थी। अगर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में सतही जल आधारित प्रणालियों के निर्माण में समय लगता है तो अंतरिम उपाय के रूप में प्रत्येक परिवार को 8-10 एलपीसीडी के हिसाब से स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए सामुदायिक जलशोधन संयंत्र स्थापित किए जाते हैं।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003JO9J.png

 

 

 

देश के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में नल का साफ पानी उपलब्ध कराकर बच्चों का स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की, जिसका शुभारंभ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 अक्टूबर 2020 को किया। अब तक 16 महीने की छोटी अवधि में, देशभर के 8.47 लाख स्कूलों (82 प्रतिशत) और 8.67 लाख (78 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों को पीने योग्य नल का साफ पानी और मध्यान्ह भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया है। देशभर के स्कूलों में 93 हजार वर्षा जल संचयन सुविधाएं और दोबारा इस्तेमाल के हिसाब से 1.08 लाख ग्रे-वाटर ढांचा विकसित किया गया है। अंडमान और निकोबार द्वीप, आंध्र प्रदेश, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, पुदुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड ने हर स्कूल में नल के पानी का प्रावधान किया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और साफ-सफाई को सुनिश्चित करने के लिए बाकी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जल्द से जल्द नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004X18E.png

 

जल जीवन मिशन एक ‘बॉटम अप’ दृष्टिकोण है जहां समुदाय योजना से लेकर कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे हासिल करने के लिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्लूएससी)/पानी समिति का गठन और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है; सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से ग्राम कार्य योजना विकसित की जाती है; कार्यान्वयन सहायता एजेंसियां (आईएसए) कार्यक्रम के कार्यान्वयन में ग्राम समुदायों का सहयोग करने और लोगों में जागरूकता पैदा करने में लगी हुई हैं। अब तक 4.70 लाख वीडब्लूएससी (पानी समितियों) का गठन किया गया है और पूरे भारत में 3.83 लाख से अधिक ग्राम कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं।

 

जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के बारे में सभी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में है और जेजेएम डैशबोर्ड के लिए

 

 

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close