ब्रेकिंग-न्यूज़विविधस्वास्थ्य

EXCLUSIVE: पिछले साल कोविड से हुई मौतों पर अभी तक नहीं मिली सहायता राशि

देरी को लेकर उठी सभी मामलों की जांच की मांग, प्रदेश सरकार ने की है 50,000 सहायता राशि देने की घोषणा

No Slide Found In Slider.

 

नोट: यदि आपके भी किसी व्यक्ति विशेष की कोवीड से मौत होने के बाद सहायता राशि नहीं मिली है आप असर न्यूज़ से संपर्क कर सकते हैं।

No Slide Found In Slider.

इससे बड़ी हैरानी की बात और क्या हो सकती है कि कोविड काल में  कोविड से मौत के बाद प्रदेश सरकार के तहत दी गई सहायता राशि ही मृतकों के परिवारजनों को समय  ही पर  नहीं मिल पा रही है। ऐसा ही एक मामला राजधानी में सामने आया है जिसमें अन्य मामलों पर से भी पर्दा उठाया है। केनेडी हाउस में काम कर रहे एक 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत पिछले वर्ष कोविड से हो गई लेकिन अभी तक उसकी सहायता राशि लेने के लिए उसकी बहन  और पत्नी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। ऐसी शिकायतें प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से भी आ रही है जिसमें कई मामलों में लोग देरी से सहायता राशि मिलने को लेकर प्रदेश सरकार के समक्ष आवाज उठा रहे हैं।

गौर हो कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में पिछले वर्ष गोपाल नाम के व्यक्ति  की मौत कोविड से हुई।उसका पीलिया इतना बिगड़ा कि कोबिट होने के बाद उसे आईजीएमसी नहीं बचा पाया ।भले ही प्रशासन द्वारा व्यक्ति के मौत को लेकर डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया गया लेकिन कुछ दस्तावेज को लेकर मामला इतना उलझा कि अभी तक मृतक की बहन और उसकी पत्नी को सहायता राशि नहीं मिल पाई है। सबसे पहले फाइल आईजीएमसी में चक्कर काटती रही और अब डीसी ऑफिस में फाइल घूमती जा रही है लेकिन अभी तक भी मृतक के परिवार जन को सहायता राशि नहीं मिल पाई है।

सूचना है कि इस प्रक्रिया में इतनी दिक्कत हो रही है कि समय पर मृतक के परिवार जन को सहायता राशि मिलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौर हो कि यह मामला शिमला का है और शिमला के कनेडी हाउस में ही 45 वर्षीय गोपाल  कार्य कर रहा था।

No Slide Found In Slider.

बॉक्स

बहन ने प्रदेश सरकार से उठाई सहायता राशि में देरी को लेकर जांच की मांग

मृतक की बहन गौरी का कहना है कि पिछले वर्ष भाई की मौत होने के बाद परिवार बिखर कर रह गया है मृतक की पत्नी भी बार-बार यह चक्कर काटकर थक गई है कि जो सहायता राशि की घोषणा प्रदेश सरकार ने की थी उसका लाभ भी उसे  समय मिल पाए उसके छोटे बच्चे भी हैं। इसे लेकर बहन गौरी ने अपने भाई गोपाल की मौत के बाद देरी से सहायता राशि देने को लेकर सभी मामलों की जांच करने का आग्रह प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया है।

बहन गौरी का कहना है कि अब फाइल डीसी तक पहुंची है लेकिन कब उन्हें सहायता राशि मिलेगी यह हैरानी वाला विषय है। बहन का कहना है कि पहले वह आईजीएमसी के चक्कर काट रही थी और बाद में डीसी ऑफिस के 6 माह से लगातार चक्कर काटती रही। गौरी का कहना है कि इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है जिसमें कई बार पटवारी कई बार तहसीलदार कई बार पार्षद कई बार एसडीएम और अन्य कर्मचारियों के चक्कर काटते हैं इसमें काफी समय लग जाता है।

बॉक्स

डीसी कार्यालय में अभी फसी है तेरह फाइल्स

जानकारी मिली है कि डीसी कार्यालय शिमला में लगभग 13 फाइल फंसी है जिसमें परिवार जन ने प्रदेश सरकार से कोविड से हुई मौत के बाद मिलने वाली सहायता राशि को लेकर आग्रह किया है। फिलहाल अभी इन फाइल्स में से कितनों को मंजूरी मिल पाएगी अब यह देखना है लेकिन यह तस्वीर साफ है कि कितनी जल्दी राशि परिवार जन को मिल पाती है यह शिमला से गौरी के भाई की मौत की कहानी देखकर जरूर स्थिति स्पष्ट हो जाती है।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close