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हिमाचल में गरमाया पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा

पुरानी पेंशन बहाली के लिए 15 मार्च को शिमला में गरजेन्गे सिरमौर के कर्मचारी 

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जिला सिरमौर के सभी विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मचारी शिमला जिलाधीश कार्यालय के समक्ष चल रहे क्रमिक अनशन में कल भाग लेंगे जिला सिरमौर नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुण्डीर, वरिष्ठ अध्यक्ष जगदीश परमार, खण्ड अध्यक्ष जितेंद्र चौहान, अनिल शर्मा, संदीप कश्यप, प्रवीण शर्मा, धनंजय सैनी आदि ने कहा की पुरानी पेंशन दशको तक सरकारी सेवा कर रहे हैं कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है तथा इस अधिकार के लिए सभी कर्मचारी एकजुट होकर हिमाचल प्रदेश कर्मचारी नई पेंशन योजना संघ के बैनर तले आक्रामक रुख अपना रहा है। विगत 3 मार्च को जहां हजारों कर्मचारी शिमला में एकत्र होकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं उसी दिन कर्मचारी महासंघ ने माननीय मुख्यमंत्री को एक संदेश भी दिया था कि 6 मार्च के बजट भाषण में यदि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के लिय कोई ठोस नीति नहीं बनाई जाती है तो 7 मार्च से बजट समाप्ति तक लगातार हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों के प्रतिनिधि क्रमिक अनशन में भाग लेंगे इसी कड़ी में 15 मार्च को जिला सिरमौर के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल शिमला जिलाधीश कार्यालय के बाहर धरने में शामिल होगा। जिलाध्यक्ष ने कहा की हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर भी इस मांग का भरपूर समर्थन करेगा ।संघ ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जहां मात्र 1 दिन के लिए चुने जाने पर भी माननीय विधायको एवं सांसदो को एक नहीं बल्कि अलग-अलग पदों के लिए अलग अलग पेंशन दी जा रही है वही जीवन पर्यन्त समाज एवं सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारियों के बुढ़ापे को लाचारी एवं मजबूरी के सहारे छोड़ देना एक अमानवीय एवं निन्द्नीय कृत्य है अत संघ नई पेंशन योजना का पुरजोर विरोध करता है तथा सरकार से मांग करता है कि प्राइवेट कंपनियों को दी जा रही है सरकार एवं कर्मचारियों की धनराशि हिमाचल प्रदेश लेखाकार कार्यालय में वापस लाई जाए तथा कर्मचारियों को जीपीएफ संख्या देकर उन्हें पुरानी पेंशन के दी जाएं। साथ ही संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों पर शीघ्रता से लागू नहीं करती है तो संघर्ष को ओर तेज करने के लिए वाध्य होना पड़ेगा तथा इसके दुष्परिणाम का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होगा। अत संगठन ने माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल सरकार से निवेदन करता हें कि शीघ्र ही कर्मचारियों की इस सबसे अधिक न्याय उचित मांग पर विचार कर कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली हेतु एक ठोस नीति बनाई जायें तथा सेवाकाल में अपंगता अथवा देहांत पर मिलने वाले लाभ सम्बंधी 2009 की केन्द्र सरकार की अधिसूचना को शीघ्र ही हिमाचल में लागू किया जायें जिसका माननीय मुख्यमंत्री पहले ही आश्वासन दे चुके हैं।

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Deepika Sharma

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