शिक्षा

राज्य पुस्तकालय व कोचिंग संस्थानों को 50% क्षमता के साथ क्यों नहीं खोलते?

भारत की जनवादी नौजवान सभा शिमला शहरी इकाई द्वारा आज राजधानी शिमला में स्थित पुस्तकालय खोलने को लेकर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सचिन कवल को ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन के माध्यम से भारत की जनवादी नौजवान सभा ने राजधानी शिमला में स्थित राज्य पुस्तकालय को खोलने की मांग की ।

शिमला शहरी सचिव अमित ने कहा कि बीते 2 वर्षों से पूरे विश्व में करुणा महामारी के चलते लोगों का जीवन पहले से ही अस्त-व्यस्त है वही कोरोना महामारी के कारण शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है इस महामारी के कारण सबसे ज्यादा परेशानी वर्तमान समय में युवाओं को हो रही है एक और जहां युवा पुस्तकालय में नीट, जई जेओए आईटी, क्लर्क , कमीशन आदि परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे वही एक बार फिर से पुस्तकालय को बंद कर युवाओं को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है प्रदेश की राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश के हर जिला से युवा शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं वही अगर पुस्तकालय को इसी प्रकार से बंद रखा जाएगा तो युवा कहां जाकर अपनी पढ़ाई कर पाएंगे ।

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एक और प्रदेश में सभी राजनीतिक सांस्कृतिक व विवाह के कार्यक्रम विभिन्न बंदिशों के साथ करने की अनुमति सरकार द्वारा दी गई है तो वहीं युवाओं के लिए भी पुस्तकालयों को शीघ्र खोलना चाहिए प्रदेश के 2 जिला कांगड़ा व कुल्लू में 50% क्षमता के साथ खोल दिया गया है ऐसे में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित राज्य पुस्तकालय को भी युवाओं के लिए शीघ्र खोला जाना चाहिए ।

भारत की जनवादी नौजवान सभा यह मांग करती है कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन राज्य पुस्तकालय को शीघ्र युवाओं के लिए 50% क्षमता के साथ खोलें जिससे कि युवा अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पुस्तकालय में आकर कर सके । साथ ही साथ प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों के लिए कोचिंग संस्थानों को 50% क्षमता के साथ शीघ्र खोला जाए । अगर इन मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो आगामी दिनों में भारत की जनवादी नौजवान सभा युवाओं को लामबंद करते हुए एक व्यापक आंदोलन करेगी इसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी ।

 

Deepika Sharma

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