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EXCLUSIVE: तो क्या किन्नौर लाहौल स्पीति में है जबरदस्त पारिवारिक सामंजस्य?

किन्नौर ,लाहौल स्पीति में नहीं के बराबर है महिला उत्पीड़न के मामले ,महिला आयोग में शिकायतें हैं कम दर्ज

 

स्त्रियों को देश की शक्ति कहा जाता है . स्त्री हमारे देश की बुनियाद है| जो अपने परिवार के लिए अपना सब कुछ छोड़कर केवल अपने परिवार के सपने पूरा करने में दिन-रात मेहनत करती है|

 यह बात किसी से नहीं छुपी की स्त्री ना होती तो पुरुष संसार में जन्म ही ना ले पाता|पुरुष प्रधान देश यह भूल चुका है कि पुरुष को जन्म देने वाली भी एक स्त्री है|परंतु आज के इस संसार में स्त्री की ना तो पूजा की जाती है और ना ही उन्हें सम्मान दिया जा रहा है|आए दिन कोई ना कोई स्त्री किसी ना किसी कारण से उत्पीड़न का शिकार होती आ रही है|हमारे इस कथन की पुष्टि नीचे दिए गए आंकड़ों द्वारा की जाती है|

 

 आंकड़े हिमाचल प्रदेश के उत्पीड़न संबंधी आयोग से प्राप्त किए गए है. 

 

         

  जिला प्राप्त शिकायतें 2021 2020 2019

 बिलासपुर 23 18 14

 चंबा 11 9 11     

हमीरपुर 13 22 3     

 कांगड़ा 63 63 22

 किन्नौर 2 1 2

 कुल्लू 11 14 8      

लाहौल स्पीति 7 10 7

   मंडी 73 120 50

   शिमला 136 80 72

  सिरमौर 15 16 12

  सोलन 53 42 55

   ऊना 6 30 10

   

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उपरोक्त दर्शाए गए आंकड़े हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिले से हैं|यहां आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि किस जिले में महिला के साथ अत्यधिक उत्पीड़न हो रहा है|यह आंकड़े आंकड़े 1.4.2018 से 31.3.2019 तक के हैं|

इन आंकड़ों से चौंकाने वाली बात सामने आई है कि सबसे ज्यादा उत्पीड़न से शिकार हुई महिलाएं शिमला जिला से हैं|शिमला जिला हिमाचल प्रदेश का सबसे लोकप्रिय जिला है, इन सभी आंकड़ों से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि आज भी महिलाएं,अपने ही परिवार में सुरक्षित नहीं है|

 

 महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए अपने ही परिवार से लड़ना पड़ रहा है|

किन्नौर और लाहौल स्पीति की यह तस्वीर

वहीं दूसरी ओर किन्नौर और लाहौल स्पीति के आंकड़े हमें इस बात पर सोचने पर भी मजबूर करते हैं कि क्या सच में लाहौल स्पीति और किन्नौर में महिलाओं पर उत्पीड़न नहीं किया जाता  है। लेकिन किन्नौर और लाहौल स्पीति के यह आंकड़े हिमाचल के अन्य जिलों के लिए एक तस्वीर जरूर दिखाते हैं कि यहां पर महिला उत्पीड़न के मामले काफी कम है।

फिलहाल

 

महिलाओं को अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को रोकना होगा उन्हें अपने हक के लिए डट कर सभी का सामना करना होगा|महिलाओं को अपने ऊपर हो रहे हिंसा के खिलाफ आवाज उठानी होगी.

 असर टीम से पूजा

Deepika Sharma

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