EXCLUSIVE: हिमाचल में वेतन की दोहरी व्यवस्था का खुलासा

हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने सरकार , प्रशासनिक अधिकारियों , योजनाकारो एवं नीति निर्माताओं से सवाल उठाए है कि राज्य में प्रशासन की दोहरी व्यवस्था कभी बन्द होगी?

वास्तविकता में पहले ही दोहरी पेंशन के विरूध मांग उठा रहे कर्मचारियों को अब महंगाई भत्ते के दोहरे आदेशो के विरुद्ध रोष हें। जहां 2003 से पूर्व के कर्मचारियों एवं नेताओं को पुरानी पेंशन दी जा रही हें ।
वही 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को नाममात्र की नई पेंशन प्रणाली के अधीन लाया गया हें वही अब जहां राज्य में भारतीय सेवा के अधिकारियों को 1/7/2021 से नय वेतन मान पर भी 14% महंगाई भत्ता देने के आदेश दिये गय वही राज्य के कर्मचारियों को इसी तिथि से पुराने वेतनमां पर भी केवल 6% मंहगाई भत्ता देने के आदेश हें।
। इन दोहरे आदेशो पर जिला प्रवक्ता संघ सिरमौर के अध्यक्ष सुरेन्द्र पुन्ड़ीर, महासचिव डॉ आई डी राही,राज्य उपाध्यक्ष नरेन्द्र नेगी, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, समन्वय समिति अध्यक्ष सतीश शर्मा,मुख्य सलाहकार सुनिल कमल, राज्य कार्यकारिणी सलाहकार रमेश नेगी, संजय शर्मा, सुरजीत कुमार ,कमल किशोर,मुख्य प्रेस सचिव भावना साथी, महिला विंग जिला अध्यक्ष रमा शर्मा,उपाध्यक्ष सीमा गुप्ता आदि ने कड़ी आपत्ति जताई हें तथा कहा हें कि यह दोहरे आदेअह आम कर्मचारी की समझ से परे हे अत संघ सरकार से निवेदन करता हें कि राज्य के कर्मचारियों को भी 14% मंहगाई भत्ता ही दिया जाये तथा एक समान पेंशन व्यव्स्था लागू की जाये। वास्तविकता में सरकार ने 4 दिसंबर को जारी आदेश में भारतीय सेवा अधिकारोयों को पुन 14% महंगाई भत्ता देने के आदेश दिये हें जबकि अभी भी पुराने वेतनमान में काम कर रहे राज्य कर्मचारियों को सितम्बर में जारी आदेश के अनुसार केवल 6% महंगाई भत्ता दिया जा रहा हें यह भी गौरतलब हें कि सरकार ने सितम्बर में भी अधिकारियों के लिय बढी हुई महंगाई दर का एलान किया था जिसे 23 सितम्बर को वापिस ले लिया गया परंतु अब पुन केवल भारतीय सेवा के अधिकारियों को इस 14% का महंगाई भत्ते को दिया जा रहा हें जो राज्य कर्मचारियों को रास नही आ रहा हें उनका कहना हें कि राज्य के कर्मचारी भी राज्य की प्रगति एवं राज्य के लोगो की सेवा में अहम भुमिका निभाते हें अत सभी पर एक समान नियम ही लागू होने चाहिये क्योंकि महंगाई भत्ते की इस दर का आगामी संशोधित वेतन मान पर भी असर पढ़ सकता है।




