क्या जेसीसी बैठक में पूर्ण होगी लाखो कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग?

लम्बे अन्तराल के वाद 27 नवम्बर को शिमला के पिटरहौफ़ में आयोजित होने वाली संयुक्त समन्वय समिति ( जे सी सी) की बेठ्क से लगभग सभी विभागो के विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों को अपनी मांगो को पूरा होने
आशा हे । इनमे सबसे बड़ा वर्ग हें नई पेंशन योजना के अन्तर्गत आने वाले कर्मचारी जिनकी संख्या लगभग 1 लाख के करीब हें क्योंकि हिमाचल प्रदेश में मई 2003 के बाद नियुक्त सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इसी योजना के अधीन आते हें।
शुरुआत में संभवत वेतन के अतिरिक्त 10% सी पी एस खाते में जमा होने के प्रलोभन में कर्मचारी संगठन इस योजना के दूरगामी दुष्परिणाम को नही भाप पाये परंतु जेसे जेसे इस योजना के तहत नियुक्त होने वाले कर्मचारी मुख्यत( तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के ) सेवानिवृत होने लगे तो इस योजना के भयावह परिणाम सामने आये जिसके तहत मात्र पांच, सात सौ रूपय प्रतिमाह की पेंशन निर्धारित हुई ओर सभी विभागो के कर्मचारी एन पी एस ई के बेनर तले एकजुट होकर पुरानी पेंशन की मांग करने लगे। आज स्थिति यह हें कि न केवल हिमाचल प्रदेश अपितु सम्पुर्ण राष्ट्र में लाखो कर्मचारी सड़को पर उतर रहे हें।
इस संदर्भ में जिला अध्यक्ष सिरमौर सुरेन्द्र पुन्ड़ीर ने कहा कि उन्हे इस जे सी सी की बेठ्क से काफी आशा हें साथ ही संघ ने राज्य स्तर पर टांडा मैडिकल कॉलेज तथा जिला स्तर पर डाईट नहान में 28 नवम्बर की बेठ्क निर्धारित की हें ताकी जे सी सी की बेठ्क के मिनट्स पर चर्चा कर आगामी रणनीति निर्धारित की जाये। संघ ने दो टुक कहा कि इस मद्दे पर संघ किसी भी प्रकार का समझौता करने की स्थिति में नही हें तथा हर प्रकार के संघर्ष अथवा सहयोग के लीय तेयार हें।
संघ ने आरोप लगाया की वर्तमान सरकार जहां एक राष्ट्र एक विधान की बात करती हें वही दोहरी पेंशन नीति स्वीकार नही की जा सक्ती ।



