भारत में युवा शक्ति बदल सकती है देश की तस्वीर
भारत सोका गाक्काई (बी एस जी) द्वारा “एक की शक्ति, युवा एकजुटता” शीर्षक पर आयोजित हुआ वेबिनार

भारत के युवा नेताओं ने गुरुवार को एक वेबिनार में कहा कि घातक महामारी के संकट से उभरती इस दुनिया में केवल युवाओं की शक्ति और जुनून ही शांति और सद्भाव के एक नए वैश्विक युग की शुरुआत कर सकते हैं ।

भारत सोका गाक्काई (बी एस जी) द्वारा “एक की शक्ति, युवा एकजुटता” शीर्षक से आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए उन्होने कहा “कि भारत विश्व में युवाओं की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है । भारत को इस बात का फायदा उठाना चाहिए तथा वर्तमान युग को बदलने के लिए वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए ।“
यह वेबिनार एक अनूठी पहल थी, क्योंकी इसमें प्रतिभागियों से युवा पीढ़ी को २१वीं सदी के पथप्रदर्शक के रूप में देखने का आग्रह किया गया था । चार युवा वक्ताओं ने चर्चा की कि कैसे वे एक बेहतर दुनिया बनाने के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके, क्योंकि उन्होंने जबरदस्त बाधाओं के बावजूद कभी भी अपना विश्वास नहीं खोया I
पैनेलिस्ट करण जेराथ-२०१६ फोर्ब्स की ३० अण्डर ३० एनेर्जी लिस्ट में सबसे कम उम्र के सदस्य, और सतत विकास लक्ष्यों के लिए सयुक्त राष्ट्र के युवा कर्णधार ने युवाओं की शक्ति में अपने विश्वास को दृढ़ता से व्यक्त करते हुए कहा :“युवा शक्ति एक ऐसा संसाधन है जिसका उपयोग अभी पूरी तरह से नहीं हुआ है I युवा समाज में सकारात्मक योगदान देने की क्षमता रखते हैं I मैं बी० एस० जी० के माध्यम से अपने अनुभव साझा करते हुए अत्यंत रोमांचित अनुभव कर रहा हूँ, और अपने साथी वक्ताओं के अनुभव सुनने के किये बहुत उत्सुक हूँ I मुझे आशा है कि हमारे ये अनुभव आगामी नयी पीढ़ी को अपना भविष्य निर्माण करने में प्रेरक सिद्ध होंगे I”
वेबिनार में इस बात पर बल दिया गया कि जिस प्रकार एक लहर अनेक लहरों को जन्म देती है, उसी प्रकार एक शान्तिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए एक युवा अन्य युवाओं के लिए आशा की किरण बन सकता है I
युवाओं की शक्ति उद्यम में करण के विश्वास को दोहराते हुए, पैनेलिस्ट हेमाक्षी मेधानी ने कहा कि समाज के निचले तबके के उत्थान और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए लोकतंत्र सुनिशचित करने के जुनून के कारण वह भारत वापस लौट आयी हैं I वह इंडियन स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी की सह संस्थापक हैं I उन्होंने आगे कहा की “मैं वास्तव में मानती हूँ कि आज विश्व को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो अपने दिल, दिमाग और शरीर को समन्वित कर सेवा कर सकें I आज हमारी पीढ़ी कुछ सबसे जटिल चुनौतियों का सामना का रही है और इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम युवाओं को इस प्रकार प्रेरित करें कि वे हर किसी की सेवा करने के लिए आंतरिक और बाह्य दोनों रुप से तत्पर हों I हम यह समझ लें कि हम सब आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और हम सब एक साथ सामूहिक रुप से आगे बढ़ें I”
जब एक व्यक्ति हार मानने से इंकार कर देता है और स्वयं के जीवन की क्षमता में विश्वास करता है, तो निराशा से आशा का निर्धारण करने वाली परिवर्तनकारी श्रृंखला का जन्म होता है I
पैनेलिस्ट मीनल करनवाल, सब डिविज़नल मैजिस्ट्रेट और प्रोजेक्ट ऑफिसर नंदूरवार महाराष्ट्र, ने कहा, “मेरा मानना है कि जीडीपी के मामले में देश कितने भी सफल क्यों न हों या नीतियां कितनी भी अच्छी क्यों न हों, अगर लोगों की मंशा ठीक नहीं हैं तो सही अर्थों में जिसे हम विकास कहते हैं, वह कभी नहीं होगा I इसलिए हमें तत्काल एक ऐसी पीढ़ी की आवश्यकता है जो न केवल विकास की बात करे बल्कि सच्चे दिल से विकास के लिए काम करे I”
सुमंत मिश्रा, ऑल-इंडिया यंग मेन्स डिवीज़न चीफ, बी०एस०जी० ने कहा, “गतिशील परिवर्तन के इस युग में जहां विश्व ने बौद्धिक एवं तकनीकी क्षेत्रों में अपार उन्नति की है, वहीँ मानवता स्वयं घोर अंधकार और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है । जब एक व्यक्ति अपने भीतर छुपी अनंत शक्ति को पहचान जाता है और जब ऐसे जाग्रत एवं प्रबुद्ध व्यक्ति एकजुट हो जाते तब मानवीय गरिमा, जीवन तथा आशा रुपी सूर्य का उदय होता है ,एक नयी सुबह होती है ।“
वेबिनार में शामिल होने के लिए युवा वक्ताओं को धन्यवाद देते हुए बी० एस० जी० के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने कहा, “ मेरे विचार में यौवन का अर्थ किसी की उम्र नहीं है I युवा होने का अर्थ है एक ऐसी आंतरिक शक्ति को धारण करना जो कभी रुकती नही है, जो परिवर्तन का विरोध नही करती तथा नई संभावनाओं के प्रति हमेशा खुली रहती है I यौवन के मायने है एक ऐसी आत्मिक शक्ति जो कभी निष्क्रिय नहीं होती और सदैव आगे बढ़ने का प्रयास करती है I” उन्होंने प्रतिभागियों से चुनौती और अनवरत सीखनें की भावना को आधार बना अपनी अनूठी सफलता की कहानियाँ सृजन करने का आग्रह किया I
वेबिनार ने देश भर से और जीवन के सभी क्षेत्रों से दर्शको को आकर्षित किया I
BSG भारत सोका गाक्काई, सोका गाक्काई इंटरनेशनल (SGI) की भारतीय सहयोगी संस्था है। भारत में इसके सदस्य ६०० नगर और शहरों में है। समाज के सभी वर्गो से आने वाले बीएसजी के सदस्यों का मानना है कि एक व्यक्ति के भीतर आया मूलभूत बदलाव (Human Revolution) समाज में एक महान परिवर्तन ला सकता है। यह संस्था सांस्कृतिक, शैक्षिक और समुदाय संबंधित गतिविधियों केमाध्यम से शांति का वातावरण बनाना चाहती है । इन सभी गतिविधियों को सम्पन्न करने के लिए बी० एस० जी० के सदस्य मानवता की भावना से ओत प्रोत वार्तालाप का सहारा लेते है।



