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Asar EXCLUSIVE : सरकारी स्कूलों में आयुष से लेकर संजना “आम बच्चों की असाधारण जीत “

समग्र शिक्षा की कोचिंग ने दिलाई NIT और मेडिकल कॉलेजों में एंट्री

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सरकारी स्कूलों के आयुष से लेकर संजना, रोहित और तृषा तक—हिमाचल के नौनिहालों ने कोचिंग पाकर बदली अपनी तक़दीर

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समग्र शिक्षा की फ्री JEE–NEET कोचिंग ने रचे नए कीर्तिमान

 

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं—यह बात इस साल की शानदार सफलता ने फिर साबित कर दी है।
समग्र शिक्षा हिमाचल की ओर से दी गई फ्री JEE और NEET कोचिंग ने जिन बच्चों के जीवन में उम्मीद जगाई, वे अब देश के नामी तकनीकी और मेडिकल कॉलेजों में दाख़िला पा चुके हैं।


आयुष, GSSS शाहपुर, कांगड़ा
साधारण परिवार का यह होनहार बच्चा आज NIT हमीरपुर में B.Tech Electronics & Communication कर रहा है। आयुष की मुस्कान कहती है—“अगर मौका मिले, तो सरकारी स्कूल के बच्चे भी कमाल कर सकते हैं।”
तृषा, GSSS राजपुर, कांगड़ा
तकनीक से प्यार रखने वाली तृषा को AI में दिलचस्पी थी। समग्र शिक्षा की कोचिंग ने उसे रास्ता दिखाया और अब वह राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज में B.Tech CSE–AI की छात्रा है। परिवार के लिए यह किसी सपने के पूरा होने जैसा है।
संजना, GSSS मेरा मसित, मंडी
गांव की संजना ने सिविल इंजीनियरिंग चुनी है। आज वह Jawaharlal Nehru Govt. Engineering College में पढ़ रही है। पहले कभी कोचिंग के बारे में सोचा भी नहीं था, पर अब वह अपनी “पहली इंजीनियर” कहलाने वाली है।
रोहित, GSSS पिर्थीपुर, ऊना
कड़ी मेहनत और अनुशासन—रोहित अब NIT हमीरपुर में B.Tech Electrical Engineering पढ़ रहा है। अपने स्कूल के बच्चों के लिए रोहित प्रेरणा बन गया है।
लावण्या, GSSS घुमारवीं, बिलासपुर
लावण्या ने Electronics & Communication चुना है और आज राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाख़िल है। यह सफलता उसके आत्मविश्वास की पुनर्खोज है।
गृहशम, GSSS मतलाहड़, कांगड़ा
गृहशम को कंप्यूटर साइंस से प्रेम था। सरकारी कोचिंग ने उसका सपना पंख दिए, और अब वह NIT हमीरपुर में B.Tech CSE कर रहा है।
दिक्षांत चौहान, GSSS अम्बोया, सिरमौर
दिक्षांत ने अपने गांव का नाम रोशन किया है। वह आज अटल बिहारी वाजपेयी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में Electronics & Communication पढ़ रहा है।

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दूसरी सूची भी सितारों से भरी—

इक्षिता, निशांत, प्रियांका, सान्वी, ऋतिक… सबने दिखाया कमाल
इक्षिता (NBN, मंडी) अब सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा है।
निशांत (कसुम्पटी, शिमला) मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहे हैं।
सूर्यांश चौहान (देव ब्राड़ा, मंडी) को एमबीबीएस में प्रवेश मिला—परिवार में पहली बार कोई डॉक्टर बनेगा।
प्रियांका (Tikkar, कांगड़ा) अब मेडिकल कॉलेज में BDS कर रही हैं।
सान्वी शर्मा (सिरमौर) B.Tech कर रही हैं।
ऋतिक टंडन (बटलग्राम, कांगड़ा) ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में जगह बनाई है।
इसके अलावा अमोल बंसल, गीतांश शर्मा, गंजन, दिव्या, शिवम, चेतन, शिवांशी, क़िरण बाला, अर्जिता, प्रिंस, सुरज जैसे कई नाम हैं जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षा में दमदार प्रदर्शन किया और प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सीट सुरक्षित की।
एक योजना जिसने सपनों को छाती दी

ये कार्यक्रम देख रही सोनिया शर्मा की माने तो
इन सभी बच्चों की कहानियाँ एक बात स्पष्ट करती हैं—
➡ सरकारी स्कूल में पढ़ना कभी बाधा नहीं होता, अगर सरकार अवसर दे दे तो।
➡ फ्री कोचिंग ने इन बच्चों के सपनों को दिशा, धार और पहचान दी।
➡ समग्र शिक्षा HP ने साबित कर दिया—प्रतिभा गांव-देहात के हर कोने में छिपी है।

हिमाचल के सरकारी स्कूलों के बच्चों ने साबित कर दिया है कि अवसर और मार्गदर्शन मिल जाए तो वे किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में जगह बना सकते हैं। हमारे लिए गर्व की बात है कि फ्री JEE–NEET कोचिंग का लाभ उठाकर दर्जनों विद्यार्थियों ने NIT, सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश पाया है।

समग्र शिक्षा का लक्ष्य हर बच्चे को समान अवसर देना है—चाहे वह शहर से हो या दूरस्थ गांव से। आने वाले वर्षों में हम इस कोचिंग कार्यक्रम को और विस्तार देंगे ताकि और भी विद्यार्थी अपनी क्षमता के अनुरूप ऊँची उड़ान भर सकें। इन बच्चों की सफलता पूरे प्रदेश की सफलता है।”

—राजेश शर्मा

परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश

 

Deepika Sharma

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