इस तरह आसन होगा गणित….शिमला में कार्यशाला शुरू

हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद, पंजाब राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद के सहयोग से “ज्यामितीय प्रमेय (Geometrical Theorems)” पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 27 अक्टूबर से 29 अक्टूबर, 2021 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र परिमहल, शिमला में कर रहा है।
यह एक ज्ञात तथ्य है कि गणित को कई छात्रों द्वारा एक कठिन विषय माना जाता है। गणित शिक्षण की पारंपरिक प्रणाली अनुष्ठानों और प्रक्रियाओं को बताती है जिसे विद्यार्थी पूरी तरह समझ नहीं पाते हैं। छात्रों को अक्सर गणितीय प्रमेयों (Mathematical Theorems) को समझने में कठिनाई होती है और परिणामस्वरूप विषय में रुचि कम हो जाती है।
पंजाब राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (PSCST) अपने विज्ञान और गणित आउटरीच (Outreach) कार्यक्रम के तैहत गणित विषय में रूचि पैदा करने हेतु एक अभिनव मॉड्यूल लेकर आया है इस मॉड्यूल के तैहत कठिन ज्यामितीय प्रमेयों को छात्रो को समझाने हेतु आसान और सार्थक बनाया गया है। यह मॉड्यूल पंजाब राज्य से संबध रखने वाले अध्यापक श्री गुरमीत सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता (Geometrical Theorems) द्वारा विकसित किया गया है, जिसके लिए उन्हें 3 पेटेंट दिए गए हैं|
ज्यामितीय प्रमेयों (Geometrical Theorems) के दृश्य स्पष्टीकरण (Visual Explanation) पर 3 दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हिमाचल प्रदेश के ३० स्कूली गणित शिक्षकों को पेटेंट किट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। यह राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है। कार्यशाला का शुभारम्भ 27 अक्टूबर को श्री सतपाल धीमान, संयुक्त सदस्य सचिव, हिमकोस्ट की उपस्थिति में किया जाएगा। श्री सुदेश कुमार मोक्टा, आईएएस, सदस्य सचिव, हिमकोस्ट और डॉ. जतिंदर कौर अरोड़ा, कार्यकारी निदेशक, पंजाब राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद 29 अक्टूबर, 2021 को समापन समारोह में उपस्थित रहेगे। कार्यशाला के प्रतिभागियों को छात्रों के बीच गणित को रूचिकर बनाने और लोकप्रिय बनाने के लिए अपने स्कूलों में उपयोग के लिए गणित किट प्रदान की जाएगी| प्रतिभागी गणित शिक्षक इस पेटेंट किट के माध्यम से छात्रों को कठिन Geometrical Theorems को आसान तरीकों से समझा पाएंगे| गणित शिक्षा में इसका लाभ सीधे तौर पर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के सरकारी एवं निजी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को मिलेगा|




