Asar ALERT : हिमाचल में विदेशी सिगरेट तस्करी बेखौफ़! उना बना नया तस्करी हब
स्वास्थ्य और राजस्व दोनों खतरे में—हिमाचल में विदेशी सिगरेट तस्करी बढ़ने से चिंता गहरी

उना जिला बना अवैध सिगरेट कारोबार का अड्डा, स्वास्थ्य व आबकारी विभाग पर बढ़ी जिम्मेदारी
शिमला |
हिमाचल प्रदेश में विदेशी सिगरेट की तस्करी लगातार बढ़ रही है और अब यह मुद्दा सीधे विधानसभा तक भी पहुंच गया है। प्रश्न संख्या 1491 के तहत विधायक रीना कश्यप द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में कहा गया है कि
पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में अवैध विदेशी सिगरेट की खेप पकड़ी गई है, जिससे राज्य को कर राजस्व की हानि हुई है और COTPA 2003 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन हुआ है।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों ने साफ कर दिया है कि हिमाचल में विदेशी सिगरेट की तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र उना जिला बन गया है, जहां 31 अक्टूबर 2025 तक कुल तीन मामले दर्ज हुए हैं। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि यह पूरा अवैध कारोबार अंतरराज्यीय नेटवर्क के जरिए चल रहा था और स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आबकारी एवं कराधान विभाग की निगरानी को चुनौती दे रहा है
साल-दर-साल बढ़ती तस्करी – आंकड़े चौंकाने वाले
विभागीय उत्तर के अनुसार:
2022–23 और 2023–24 में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
2024–25 में 2 बड़ी खेपें पकड़ी गईं, जिनमें 2690 पैकेट विदेशी सिगरेट जब्त हुई।
2025–26 (31 अक्टूबर 2025 तक) में 1 और मामला सामने आया, जिसमें 223 पैकेट जब्त किए गए।
इन मामलों में विभाग ने ₹97,900 की टैक्स और जुर्माने के रूप में वसूली की, जो यह दर्शाता है कि तस्करी का दायरा इससे कहीं अधिक हो सकता है।संभवत ये अन्य जिलों में भी हो सकता है जिस पर धरपकड़ तेज़ करनी होगी
स्वास्थ्य विभाग चिंतित — बिना चेतावनी वाली विदेशी सिगरेट युवाओं को बड़ा खतरा
विदेशी सिगरेट के पैकेटों पर न तो स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी होती है और न ही गुणवत्ता का कोई मानक। स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार किया है कि यह प्रवृत्ति युवा वर्ग के लिए गंभीर खतरा बन रही है। तस्करी का यह रूप न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि करोड़ों के संभावित राजस्व नुकसान की भी आशंका है।
सरकार ने निर्देश दिए हैं:
बॉर्डर और संवेदनशील इलाकों में स्पेशल चेकिंग अभियान,
बाजारों में अचानक निरीक्षण,
तंबाकू उत्पादों की दुकानों पर कड़े दस्तावेज सत्यापन,
तस्करी में संलिप्त लोगों पर कठोर कानूनी कार्रवाई।



