विविध

निजी वीडियो लीक: भारत में बढ़ते साइबर अपराध की भयावह तस्वीर

समस्या क्या है – भरोसा, प्यार और ब्लैकमेल, दोषी को क्या सज़ा? कानूनी प्रावधानों के साथ जानिए पूरा सच

No Slide Found In Slider.

लेखक — असर मीडिया हाउस डेस्क

श्रेणी — साइबर सुरक्षा / समाज

No Slide Found In Slider.

 


🔴 बढ़ता खतरा: निजी वीडियो का लीक होना एक गंभीर सामाजिक-कानूनी अपराध

भारत में साइबर अपराध के मामलों में सबसे तेज़ वृद्धि उन घटनाओं में हो रही है,
जिनमें लड़का-लड़की के निजी (इंटिमेट) वीडियो या फोटो को बिना अनुमति सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता है।
कई मामलों में लड़की को पता भी नहीं होता कि उसका वीडियो किसी करीबी, प्रेमी, दोस्त या एक्स-पार्टनर द्वारा रिकॉर्ड किया या लीक कर दिया गया है।

रिलेशन, भरोसा या दोस्ती के नाम पर रिकॉर्ड किए गए निजी पलों का
ब्रेकअप, विवाद या बदले की भावना में इस्तेमाल अब आम हो चुका है,
जिसका सीधा असर पीड़ित की मानसिक, सामाजिक और पेशेवर ज़िंदगी पर पड़ता है।


भारत में इसे क्या कहा जाता है?

कानूनी भाषा में ऐसे अपराध को कहा जाता है:

  • NCII – Non-Consensual Intimate Images

  • आम बोलचाल में: Revenge Porn / Sextortion / Intimate Content Leak

यह सिर्फ नैतिक अपराध नहीं,
बल्कि प्राइवेसी, गरिमा और संविधान द्वारा प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।


कानूनी ढांचा: कौन-कौन से कानून लागू होते हैं?

भारत में ऐसे मामलों पर कई क़ानून एक साथ लागू हो सकते हैं।


1. Information Technology Act, 2000

🔸 Section 66E — Privacy का उल्लंघन

  • बिना सहमति किसी की निजी तस्वीर/वीडियो लेना या शेयर करना
    सज़ा: 3 साल तक जेल + 2 लाख रुपये जुर्माना

🔸 Section 67 — अश्लील सामग्री पब्लिश/ट्रांसमिट करना

  • पहली बार: 3 साल जेल + 5 लाख जुर्माना

  • दोबारा: 5 साल जेल + 10 लाख जुर्माना

🔸 Section 67A — Sexually Explicit Video शेयर करना

  • 5–7 साल की सज़ा + 10 लाख तक जुर्माना

🔸 Section 67B — यदि वीडियो में नाबालिग हो

  • 3–5 साल कैद, गम्भीर मामलों में और अधिक कठोर सज़ा


2. Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), 2023 — नया क्रिमिनल कोड

🔸 Section 77 — वॉयरिज़्म (Voyeurism)

  • महिला के निजी क्षण रिकॉर्ड/शेयर करना

  • पहली बार: 1–3 साल जेल + जुर्माना

  • दोबारा: 3–7 साल जेल + जुर्माना

👉 नोट: लड़की ने वीडियो बनाने की सहमति दी हो,
तो इसका मतलब शेयर करने की सहमति नहीं होता

🔸 Section 78 — Stalking (ऑनलाइन पीछा करना)

  • धमकी देना, लगातार मैसेज, वीडियो वायरल करने की धमकी

  • जेल + जुर्माना

🔸 महिला की लज्जा भंग करने संबंधी प्रावधान

  • अपमान, अश्लील टिप्पणी, चरित्र पर हमला — अलग से दंडनीय


3. POCSO Act, 2012 — अगर पीड़ित नाबालिग हो

  • नाबालिग (18 वर्ष से कम) का कोई भी निजी वीडियो/फोटो रिकॉर्ड करना, रखना, शेयर करना
    गंभीर अपराध है

  • 5–7 साल या इससे अधिक की कठोर सज़ा

  • नाबालिग का वीडियो फोन में रखना भी अपराध है


क्या सोशल मीडिया कंपनियों की भी ज़िम्मेदारी है?

हाँ।
IT Rules 2021 के तहत:

  • फेसबुक, इंस्टाग्राम, X, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम आदि
    न्यूड/इंटिमेट कंटेंट हटाने के लिए 24 घंटे के भीतर बाध्य हैं

  • हर प्लेटफॉर्म को ग्रिवांस ऑफिसर रखना अनिवार्य है

  • शिकायत 15 दिनों में निपटानी होती है

    No Slide Found In Slider.

कंटेंट न हटाने पर प्लेटफॉर्म के खिलाफ भी कार्रवाई संभव है।


पीड़ित क्या करें? — स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

1. सबूत सुरक्षित रखें

  • स्क्रीनशॉट

  • URL लिंक

  • धमकी के कॉल/चैट

  • प्रोफाइल लिंक
    (वीडियो खुद आगे न भेजें)

2. सोशल मीडिया पर तुरंत Report करें

  • “Nudity”, “Sexual Content”, “Privacy Violation” चुनें

3. National Cyber Crime Portal पर शिकायत

👉 www.cybercrime.gov.in

  • Women/Child Related Crime सेक्शन

  • चाहें तो Anonymous Complaint भी कर सकते हैं

4. हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल

  • यह राष्ट्रीय साइबर फस्र्ट-रेस्पॉन्स नंबर है

  • तुरंत सहायता मिलती है

5. नज़दीकी थाने या साइबर सेल में FIR

  • नया BNS कानून किसी भी थाने में FIR दर्ज करने की अनुमति देता है


दोषी को क्या सज़ा हो सकती है? (एक नज़र में)

अपराध कानून सज़ा
बिना सहमति निजी फोटो/वीडियो शेयर IT Act 66E 3 साल + 2 लाख जुर्माना
अश्लील सामग्री अपलोड IT Act 67 3–5 साल + 5–10 लाख
यौन क्रिया वाला वीडियो शेयर IT Act 67A 5–7 साल + 10 लाख
निजी क्षण रिकॉर्ड/शेयर BNS 77 1–7 साल जेल
धमकी/स्टॉकिंग BNS 78 जेल + जुर्माना
नाबालिग से संबंधित वीडियो POCSO 5–7 साल या अधिक

पीड़िता की पहचान उजागर करना भी अपराध

मीडिया, यूट्यूबर, इन्फ्लुएंसर या सामान्य व्यक्ति किसी भी स्थिति में—

  • नाम

  • चेहरा

  • पता

  • स्कूल/कॉलेज

  • परिवार की जानकारी

नहीं दिखा सकता।
ऐसा करना अलग अपराध है और सज़ा का प्रावधान है।


जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण बातें (हाइलाइट बॉक्स)

  • भरोसे में भेजा गया वीडियो भी बिना अनुमति शेयर करना अपराध है।

  • वीडियो बनाने की सहमति = वायरल करने की सहमति नहीं।

  • नाबालिग की कोई भी अश्लील सामग्री रखना भी अपराध है।

  • “वीडियो डाल दूँगा” कहना = ब्लैकमेल + स्टॉकिंग + इंटिमिडेशन

  • प्लेटफॉर्म को 24 घंटे में कंटेंट हटाना ही होगा।

  • साइबर हेल्पलाइन: 1930

  • सरकारी पोर्टल: cybercrime.gov.in

  • गलती पीड़ित की नहीं — अपराधी की होती है।


निष्कर्ष

इंटरनेट ने जहां जीवन आसान बनाया है,
वहीं निजता (Privacy) को सबसे बड़ा खतरा भी यही पैदा कर रहा है
निजी वीडियो का लीक होना कोई “मज़ाक” या “रिलेशन की लड़ाई” नहीं,
बल्कि जेल जाने लायक संगीन अपराध है।

यदि आप या आपके जानने वाले किसी ऐसे अपराध का शिकार हों,
तो तुरंत कानूनी मदद लें और शिकायत दर्ज कराएँ।
एक क्लिक किसी की ज़िंदगी बर्बाद कर सकता है —
सज़ा का दायरा भी उतना ही बड़ा है।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close