EXCLUSIVE : शिक्षा विभाग का बड़ा आदेश — शिक्षकों के राज्य से बाहर जाने पर सख्ती

हिमाचल प्रदेश शिक्षा निदेशालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए शिक्षकों की राज्य से बाहर ड्यूटेशन/तैनाती पर कड़ी रोक लगा दी है। नया निर्देश सभी जिला उपनिदेशकों (माध्यमिक/प्राथमिक/क्वालिटी) को भेजा गया है।
क्या है आदेश?
सर्कुलर में स्पष्ट कहा गया है कि कई बार शिक्षकों को जिला उपनिदेशक बिना पूर्व अनुमति के राज्य से बाहर भेज रहे हैं, जिससे स्कूलों में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है।
निदेशालय ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि:
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शिक्षक हमेशा स्कूल में उपस्थित रहें, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
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एक शैक्षणिक वर्ष में 220 अनिवार्य शैक्षणिक दिवसों का पालन हर हाल में किया जाए।
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राज्य से बाहर किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग, गतिविधि, संगोष्ठी या कार्यक्रम में तब तक भाग नहीं लिया जाएगा जब तक निदेशालय से पूर्व अनुमति न मिल जाए।
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केवल समग्र शिक्षा द्वारा आयोजित ड्यूटी/वर्कशॉप ही अनुमति के दायरे में रहेंगी।
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आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई तय है और इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
निदेशालय का कहना है कि राज्य सरकार का लक्ष्य स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
जब शिक्षक लंबी अवधि तक स्कूल से बाहर रहते हैं, तो:
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छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है
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शिक्षण व्यवस्था कमजोर होती है
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सरकारी स्कूलों में शिक्षा मानकों पर असर पड़ता है
इसलिए शिक्षक की स्कूल में निरंतर उपस्थिति आवश्यक है।


