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भारतीय दूतावास, टोक्यो में हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडल और जापानी उद्योगपतियों के बीच संवाद कार्यक्रम आयोजित

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हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडल और प्रमुख जापानी उद्योगपतियों व निवेशकों के बीच एक विशेष संवाद कार्यक्रम भारत के दूतावास, टोक्यो में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।

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भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन  मधुसूदन आर., आईएफ़एस ने आदरणीय उद्योग मंत्री हिमाचल प्रदेश और उनके साथ आए पूरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। उन्होंने भारत–जापान के बढ़ते आर्थिक सहयोग पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य सेवाओं, तकनीक और विनिर्माण के क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश के साथ साझेदारी की संभावनाओं का उल्लेख किया।
श्री मधुसूदन आर. ने कहा: “भारत और जापान का रिश्ता समय की कसौटी पर खरा उतरा है। यह संवाद जापानी कंपनियों को हिमाचल प्रदेश में निवेश के अवसर तलाशने का एक नया दरवाज़ा खोलता है। हिमाचल के पास प्राकृतिक संसाधन और प्रशिक्षित मानव संसाधन दोनों ही उपलब्ध हैं।”
हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल राज्य के उद्योग मंत्री श्री हर्षवर्धन चौहान के नेतृत्व में गया, जिसमें विधायक श्री अनिल शर्मा (मंडी), श्री भवानी सिंह पठानिया (फतेहपुर) और श्री हरदीप सिंह बावा (नालागढ़) शामिल थे। वरिष्ठ अधिकारियों में श्री आर.डी. नज़ीम, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग), उद्योग निदेशक डॉक्टर यूनुस एवं अतिरिक्त निदेशक श्री तिलक राज शर्मा, दो संयुक्त निदेशक तथा ईएंड वाई एलएलपी के परियोजना प्रमुख शामिल थे। उद्योग जगत से श्री अमित गोयल (एपीजी फ़ूड डिवीज़न प्रा. लि.), श्री संजय शर्मा (केयर लाइफ़ साइंसेज़) और श्री दीपन गर्ग (रुचिरा पेपर्स लि.) भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने।
उद्योग निदेशक डॉ. युनुस ने एक प्रस्तुति दी जिसमें रोमांचक एवं आध्यात्मिक पर्यटन, विशेषकर बौद्ध सर्किट, को बढ़ावा देने की संभावनाओं को विस्तार से बताया गया। उन्होंने एमएसएमई को मज़बूत करने के लिए विश्व बैंक समर्थित रैंप (RAMP) कार्यक्रम की उपलब्धियों की जानकारी दी। साथ ही, आगामी रिवर्स बायर–सेलर मीट (RBSM) के बारे में बताते हुए जेईटीआरओ(JERTO), एमईजे(MEJ) तथा अन्य जापानी संगठनों को इसमें भागीदारी हेतु आमंत्रित किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) श्री आर.डी. नज़ीम ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटन, रोपवे परियोजनाओं, बल्क ड्रग पार्क और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जेईटीआरओ द्वारा एसएमई एवं स्टार्टअप्स के सशक्तिकरण प्रयासों की सराहना की और हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से इन क्षेत्रों में साझेदारी का आमंत्रण दिया।
श्री नज़ीम ने कहा: “हम जापानी भागीदारों को एकल खिड़की प्रणाली और निवेशक–अनुकूल ढाँचा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह संवाद चिकित्सा तकनीक, औषधि निर्माण और प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग जैसे उच्च–मूल्य वाले क्षेत्रों में सार्थक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
माननीय उद्योग मंत्री श्री हर्षवर्धन चौहान ने राज्य की दृष्टि साझा की और कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य ग्रामीण उद्यमिता और हरित औद्योगिकीकरण को प्राथमिकता दे रहा है।
श्री चौहान ने कहा: “हमारी सरकार केंद्र सरकार की आरएएमपी योजना को हरित वित्त, स्मार्ट एमएसएमई और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे प्रयासों से लागू कर रही है। हिमाचल प्रदेश स्थिर शासन, कुशल मानव संसाधन और क्षेत्र–विशेष प्रोत्साहनों की पेशकश करता है। हम जापानी उद्यमियों को हार्दिक आमंत्रण देते हैं कि वे हिमाचल आकर अवसरों का प्रत्यक्ष अनुभव करें।”
संवाद कार्यक्रम में जापान के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया जिनमें सुश्री कयोको बेप्पू और सुश्री आन्ज़ु याकुशिजी (मेडिकल एक्सीलेंस जापान), श्री हारुनोबू हारा (जेईटीआरओ), श्री हाजिमे सुजुकी (आरएक्स जापान) और श्री कैलाशदीप शर्मा (आइसफ़ार्मा जापान) शामिल थे। चर्चा मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवाओं, फार्मास्युटिकल्स, उन्नत चिकित्सा तकनीक, औद्योगिक साझेदारी एवं व्यापारिक सहयोग पर केंद्रित रहीं।
कार्यक्रम का समापन दूतावास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार और जापानी पक्ष के बीच दीर्घकालिक आर्थिक भागीदारी और सहयोग को आगे बढ़ाने के संकल्प को दोहराया गया।

Deepika Sharma

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