हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग ने एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने हेतुजागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया

हमीरपुर, 29 सितम्बर 2025 —
उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जिला हमीरपुर में एकजागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में सूक्ष्म, लघुएवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाना, प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावादेना, सतत औद्योगिक प्रथाओं को प्रोत्साहित करना तथा सरकारी पहलों के माध्यम से उद्यमिताविकास को गति प्रदान करना था।
कार्यक्रम में नगर निगम हमीरपुर के आयुक्त श्री राकेश कुमार शर्मा मुख्य अतिथि के रूप मेंउपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) हमीरपुर; से सुश्री रीता शर्मा, प्रबंधक, श्री परवेश कपूर, आर्थिक अन्वेषक और सुश्री निकिता, विस्तार अधिकारी उपस्थित रहे। इसकेसाथ ही श्री अनिल गुलेरिया, जिला जनसंपर्क अधिकारी भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थितरहे।
कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान उद्योग विभाग के प्रतिनिधियोंने प्रतिभागियों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई–सीडीपी) तथाएमएसएमई ग्रीनिंग पहल जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।
मुख्य अतिथि श्री राकेश कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में क्लस्टर आधारित विकास और सततऔद्योगिक गतिविधियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत सरकार द्वाराएमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत असंगठित क्षेत्रों को क्लस्टरों में संगठित करने की पहल सराहनीयहै। हिमाचल प्रदेश में इसे उद्योग विभाग के माध्यम से प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससेस्थानीय उद्यमों को अधिक सहयोग और विकास के अवसर प्राप्त होंगे।”
कार्यसूची में रेज़िंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉरमेंस (रैम्प) योजना, सर्कुलर इकॉनमीमॉडल तथा स्पाइस और गिफ्ट योजनाओं पर भी विस्तृत विचार–विमर्श किया गया। विशेषज्ञों नेउत्पादकता में वृद्धि, संसाधन दक्षता सुधारने और छोटे उद्यमों की दीर्घकालिक मजबूती सुनिश्चितकरने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।
उद्योग विभाग ने यह पुनः आश्वस्त किया कि विभाग निरंतर सहभागिता, ज्ञान–साझाकरण औरप्रभावी नीतिगत क्रियान्वयन के माध्यम से एमएसएमई को सशक्त करेगा तथा हिमाचल प्रदेश कोएक अधिक नवाचारी और सशक्त औद्योगिक भविष्य की ओर अग्रसर करेगा।


