विश्व फूड इंडिया 2025 में बागवानी विभाग हिमाचल प्रदेश के प्रीमियम उद्यान उत्पादों का जलवा

विश्व फूड इंडिया 2025 में बागवानी विभाग हिमाचल प्रदेश के प्रीमियम उद्यान उत्पादों का जलवा

नई दिल्ली, 28 सितम्बर, 2025: विश्व फूड इंडिया 2025, जो कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का प्रमुख वैश्विक आयोजन है, में हिमाचल प्रदेश के उद्यान विभाग ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह आयोजन 25 से 28 सितम्बर 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित हुआ।

चौथे संस्करण तक पहुँच चुके इस मेगा आयोजन ने वैश्विक हितधारकों को एक मंच पर लाकर भारत को खाद्य नवाचार, निवेश और स्थिरता का केंद्र बनाने का अवसर दिया। 1700 से अधिक प्रदर्शकों, 500+ अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और 100+ देशों से आए प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हिमाचल प्रदेश को अपने प्रीमियम उद्यान उत्पादों और मूल्य संवर्धित उत्पादों को प्रस्तुत करने का उच्च-स्तरीय अवसर मिला।


> “हिमाचल का दृष्टिकोण परंपरा और नवाचार को जोड़कर किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करना और विश्व-स्तरीय उत्पाद उपलब्ध कराना है।”
– श्री विनय सिंह, आईएएस, निदेशक उद्यान, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश की प्रदर्शनी में मुख्य आकर्षण
हिमाचल प्रदेश मंडप में राज्य की विशिष्ट और उच्च-गुणवत्ता वाली उपज प्रदर्शित की गई, जो पोषण एवं लंबे शेल्फ-लाइफ के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख उत्पाद:
हिमालयन हनी एवं एप्पल जूस – उद्यान विभाग
सेब – रॉयल डिलीशियस, गोल्डन डिलीशियस (शल्खर, किन्नौर); रॉयल डिलीशियस, गोल्डन डिलीशियस, रॉयल गाला, ग्रैनी स्मिथ (अनिता ऑर्चर्ड, शेलादेश, नेचुरल फार्मिंग)
पर्सिमोन (फूयू) – फुंगानी फार्म, श्री विशाल ठाकुर, कुल्लू
अनार एवं मीठा संतरा – एचपीशिवा क्लस्टर, बिलासपुर
ड्रैगन फ्रूट – फ्रंट लाइन डेमो ऑर्चर्ड, कांगड़ा
कीवी – डॉ. करण ठाकुर फार्म, दरोकिधार, सोलन
विदेशी शिमला मिर्च (लाल एवं पीली) – राजगढ़, सिरमौर
लाल चावल – पेजा क्षेत्र, चिरगांव, शिमला
उद्यमिता और नवाचार की झलक
हिमाचल प्रदेश के नवाचारपूर्ण स्टार्टअप्स और उद्यमियों ने, जिनमें से कई राज्य योजनाओं से समर्थित हैं, अपने अनूठे उत्पाद प्रस्तुत किए:
जंगल हार्वेस्ट, ऊना (कैप्टन अजय) – विश्व बैंक परियोजना (ABPF) की सफलता गाथा; ब्लूबेरी क्रश, सी-बकथॉर्न शॉट्स, एलोवेरा–ग्रीन एप्पल शॉट्स और व्हाइट हनी।
नेचर ऊर्जा, रोहड़ू (डॉ. दिव्या विषम्बर जैनटेल) – RAFTAR सफलता गाथा; पेटेंटेड गुछ्छी चाय, लाल चावल की चाय और कुलथ की चाय।
पीबीईई फार्म, रोहड़ू (श्री सूरज चौहान) – मुख्यमंत्री मधु विकास योजना; विशेष मधु (छिछड़ी, थाइम, एप्पल) एवं मधुमोम मोमबत्तियाँ।
वर्टीबूम (श्री सात्विक चौहान, सीएम स्टार्ट-अप, एचपी) – कॉर्डिसेप्स की खेती, जो विश्व की सबसे महंगी औषधीय फफूंद है।
लाभ: ऊर्जा एवं सहनशक्ति में वृद्धि, हृदय स्वास्थ्य में सहायक।
सुश्री क्रिस्टिना, कांगड़ा – टिकाऊ लेमनग्रास ऑयल मॉडल, जिसमें किसान चारागाह भूमि पर लेमनग्रास उगाकर प्रीमियम तेल निकालते हैं।
हिमाचल प्रदेश प्रतिनिधिमंडल
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री विनय सिंह (आईएएस), निदेशक उद्यान ने किया। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे:
डॉ. कमलशील नेगी, संयुक्त निदेशक उद्यान
डॉ. प्रबल ठाकुर, वरिष्ठ विपणन अधिकारी
डॉ. समीप सिंह राणा, एसएमएस (उद्यान) व परियोजना एवं योजना प्रभारी
डॉ. कुशल सिंह मेहता, एसएमएस (उद्यान), शिमला
डॉ. राजेश बगटा, एचडीओ, फ्रूट कैनिंग यूनिट, शिमला
डॉ. अरविंद गौतम, एचडीओ, बिलासपुर
डॉ. नवीन चालैण, एचडीओ, जुब्बल एवं कोटखाई
डॉ. सुरेश छाजटा, एचईओ, जुब्बल
इसके अतिरिक्त शिमला ज़िले के 10 प्रगतिशील किसानों ने भी भागीदारी की, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता, ब्रांडिंग और पैकेजिंग मानकों का अनुभव मिला।
प्रमुख उपलब्धियाँ
APEDA सहयोग से हिमाचल प्रतिनिधिमंडल ने कई अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और निर्यातकों से उच्च-स्तरीय वार्ता की, जिनमें शामिल रहे:
डॉ. रविंदर जीत एस. सोखी, सीईओ, रॉयक्र फूड्स (कनाडा)
लुलु ग्रुप (भारत का सबसे बड़ा आयात–निर्यात समूह)
श्री कौशल खाखर, सीईओ, के-बे एक्सपोर्ट इंटरनेशनल प्रा. लि., मुंबई
श्री दुर्योधन सिंह, प्रबंध निदेशक, हेल्दी फूड मार्ड, कंबोडिया
श्री श्याम पौडेल, कंट्री मैनेजर, फूड स्पेशलिटी, मालदीव
हिमाचल मंडप की सराहना की गई:
श्री राजेश अग्रवाल (आईएएस), चेयरमैन, ई-कॉमर्स इंडिया
श्री अभिषेक देव (आईएएस), चेयरमैन, एपीडा
दोनों अधिकारियों ने हिमाचल की गुणवत्ता, विविधता और नवाचार की प्रशंसा करते हुए इसे भारत की उद्यानिकी उत्कृष्टता का सशक्त योगदान बताया।
प्रतिनिधिमंडल ने न्यूजीलैंड, जापान सहित अंतर्राष्ट्रीय मंडपों का भ्रमण कर वैश्विक मानकों का अध्ययन किया ताकि हिमाचल उत्पादों को निर्यात प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाया जा सके।
भविष्य की दिशा
निदेशक उद्यान, श्री विनय सिंह (आईएएस) ने जोर दिया कि हिमाचल उद्यानिकी का भविष्य निम्न पहलों पर आधारित है:
किसान उत्पादक संगठन (FPOs) एवं कंपनियों (FPCs) को सशक्त करना
निर्यात-ग्रेड फलों हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं नियंत्रित वायुमंडल (CA) सुविधाओं का विस्तार
वैश्विक बाजार की मांगों से जुड़कर किसानों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराना



