जिला शिमला में 55839 राशन कार्ड लाभार्थी संदेहजनक

जिला स्तरीय सतर्कता समिति और जिला स्तरीय सार्वजनिक वितरण समिति की समीक्षा बैठक
जिला स्तरीय सतर्कता समिति और जिला स्तरीय सार्वजनिक वितरण समिति की समीक्षा बैठक आज यहां उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। इसके तहत जिला में कुल 66230 परिवार व 269425 जनसंख्या का चयन किया जा चुका है।
जिला में 55839 राशन कार्ड लाभार्थी संदेहजनक
जिला शिमला में 55839 राशन कार्ड लाभार्थी संदेहजनक पाए गए है। इसमें 92 मृत लाभार्थी, 591 राशन कार्ड माॅडयूल में 100 से अधिक आयु वाले लाभार्थी, 18 वर्ष से कम आयु के राशन कार्ड मुखिया, 4083 साईलेंट राशन कार्ड लाभार्थी, 429 डुप्लीकेट राशन कार्ड लाभार्थी, 43957 लेंड होल्डिंग पीएम किसान भूमि धारक जिनके पास ढाई एकड़ से अधिक भूमि, 890 लाभार्थी जिनकी वार्षिक आय 06 लाख रुपए से अधिक है। इसके अलावा 13 लाभार्थी जिनके पास जीएसटीएन, 5613 लाभार्थी वाहन स्वामित्व, 171 लाभार्थी ऐसे हैं जोकि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में डायरेक्टर आदि के तौर पर पंजीकृत है, के राशन कार्ड शामिल है। यह राशन कार्ड बीपीएल, अंतोदय अन्न योजना, प्राथमिकता घरेलू के है। बैठक में बताया गया कि इन सभी राशन कार्ड धारकों की जांच की जा रही है जिसमें केवल योग्य को ही रखा जाएगा। इसके अलावा अन्य सभी योजना से बाहर किए जाएंगे।
सभी एसडीएम करेंगे मिड-डे मील का निरीक्षण
अनुपम कश्यप ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम को महीने में कम से कम 05 सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील भोजन का निरीक्षण करना होगा जिसमें खाने की गुणवत्ता, बच्चों के बैठने की व्यवस्था, किचन में सफाई व्यवस्था, इसके अलावा अन्य व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण शामिल रहेगा और इसकी रिपोर्ट जिलाधीश कार्यालय को करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण मिड-डे मील मुहैया करवाना सरकार की प्राथमिकता है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिला में 623 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही है। इनमें 347 सहकारी सभाएं, 229 व्यक्तिगत, 2 महिला मंडल, 4 ग्राम पंचायत और 41 हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा संचालित की जा रही है। जिला में जून 2025 से अगस्त 2025 तक 1257 निरीक्षण किए गए जिनमें 12 दुकानों में अनियमिताएं पाई गई जबकि 20250 रुपए जुर्माना वसूल किया गया।



