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हमें गर्व है कि हम “हिंदी “बोलते हैं

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14 सितंबर का दिन हर वर्ष हम हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं lभारत के एक बड़े भूभाग में बोली और समझे जाने वाली भाषा हिंदी में भारतीय संस्कृति की आत्मा बसी है l येसी जीवंत भाषा है जिसमें अनिहित रचनात्मक शक्ति है, व्यवहारधर्मिता है और गतिमयता है l वास्तव में हिंदी दुनिया की सबसे मधुर भाषा है l जितनी आसानी से हिंदी भाषा में भावों को व्यक्त किया जा सकता है इतना शायद संसार की कोई भाषा नहीं कर पाती l चीनी और अंग्रेजी के बादहिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है l भारत में भारत के संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है, जिसमें हिंदी एक है l 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया lइस ऐतिहासिक निर्णय की याद में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है lहिंदी को यह दर्ज संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत दिया गया l हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है l हिंदी को सरल स्पष्ट जनसंपर्क की भाषा माना जाता है l हिंदी भाषा को बरकरार रखने के लिए कार्यालय प्रधान महालेखाकारलेखापरीक्षा एवं प्रधान महालेखाकार (लेखा हकदारी), शिमला का बड़ा योगदान रहा है l इस कार्यालय में हिंदी पखवाड़े का आयोजन 14 सितंबर 1949 से हो रहा है l

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इस वर्ष 2025 में भी हिंदी पखवाड़े का आयोजन 14 सितंबर से 26सितंबर तक हिंदी पखवाडा संयुक्त रूप से मनाया जाएगा l प्रधान महालेखाकारलेखापरीक्षा एवं प्रधान महालेखाकार (लेखा हकदारी), शिमला दोनों कार्यालय मिलकर हिंदी पखवाड़े का आयोजन करते हैं l यह पखवाड़ा भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग द्वारा जारी राजभाषा निति की अनुपालना मे 14 सितम्बर को “हिंदी दिवस” मनाते हुए प्रथम बार 14 सितम्बर 1949 से मनाया जा रहा हैं lइस पखवाड़े में राजभाषा नीतियों की अनुपालना, विभिन प्रतियोगिताएँ साथ हीस्थानीय राज्य की लोकला एवं संस्कृति को समहित करते हुए हिंदी पखवाड़ा बनाया जाता है l इस प्रतियोगिता में कविता पाठ, टिप्पण आलेखन, चित्र देखो,कहानी लिखो, श्रुतलेख, निबंध लेखन एवं आशु भाषण हिंदी पखवाड़ा आयोजन में शामिल रहते हैं l हिंदी पखवाड़े का उद्देश्य यही है कि हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में प्रोत्साहन मिले l युवाओं और विद्यार्थियों में हिंदी के प्रति रूचि बढ़े, सरकारी कार्यालयों में हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित हो l हिंदी साहित्य संस्कृति और रियासत को बढ़ावा मिलेl हिंदी पखवाड़ा एक महत्वपूर्ण अवसर है,जिसमें हिंदी भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके और इसका अधिक से अधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जा सके l

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हिंदी दिवस मनाने का केवल एक ही उद्देश्य होता है कि हिंदी की प्रयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा मिले l युवाओं में हिंदी के प्रति सम्मान और गर्व की भावना जागे l सरकारी कार्यों में हिंदी का प्रयोग अधिक से अधिक हो lहिंदी साहित्य संस्कृति का प्रचार प्रसार को बढ़ावा मिले l

स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविध्यालय में हिंदी दिवस पर के अवसर परभाषण प्रतियोगिता का आयोजन होता हैं l प्रतियोगिता के माध्यम से हिंदी के महत्व पर भाषण देते हैं l हिंदी से जुड़ी विभिन्न विषयों पर लेख पढे जाते हैं lप्रेरणादायक और देशभक्ति की कविताएं पढ़ी जाती है l हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाता है l हिंदी दिवस केवल एक भाषा का उत्सव नहीं है, यह हमारी संस्कृति पहचान और एकता का प्रतीक है, हिंदी को उसका उचित सम्मान देना हर भारतीय का कर्तव्य हैं l हमें केवल हिंदी दिवस को 14 सितंबर तक ही सीमित न रख कर इसका राष्ट्रीय भाषा के रूप में समुचित विकास के लिए प्रयास करने होंगे l  अब समझ आ गया है कि देश का बुद्धिजीवी वर्ग मिल बैठकर अपनी राष्ट्रीय भाषा की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करें, जनमानस को इसके प्रति सचेत करें, विचार करें कि क्या हिंदी को जो स्थान मिलना चाहिए था, मिला या नहीं, साथ ही देश में एक ऐसा वातावरण तैयार होगा कि सभी भारतवासी हिंदी का प्रयोग गर्व से करें वस्तुतः हिंदी द्वंद, विद्वेष, विघटन से दूर रहकर एकता और प्रेम की शिक्षा दें l

जसवीर सूद (डिंपल सूद)

Deepika Sharma

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