संस्कृति

टूटीकंडी के जंगली मैदान में तीज पर्व की धूम देखनेको मिलेगी

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

भगवान शिव और माता पार्वती के पुर्नमिलन कात्योहार हैं, हरियाल, तीज, जिसे की श्रावणी तीज भी कहाजाता हैं I दक्षिणी भारत का प्रमुख त्योहार हैं I राजस्थान, उतरप्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखंड में प्रमुख रूपसे मनाया जाता हैंI माता पार्वती ने भगवान शिव को पती रूप मेंपाने के लिए कठोर तपस्या की थी, इससे प्रसन्न होकर शिवजी ने हरियाली तीज के दिन ही माँ पार्वती को पत्नी के रूप मेंस्वीकार किया थाI पति पत्नी के प्रेम को प्रगाढ़ बनाने तथाआपस में श्रद्धा और विश्वास कायम रखने का त्योहार हैंहरियाली तीजI

इस त्योहार में हरे रंग का विशेष महत्व हैं, क्यूंकिहरियाली का रंग प्रकृति, उर्वरता, नव प्रविती और समृधि काप्रतीक हैंI त्योहार का हरितम प्रकाश संगीत और सामूहिकआनन्द को दर्शाता हैंI यह अवसर सामाजिक मेल जोल, लोकसंग्रह और महिला सशक्तिकरण के आयोजन को भी प्रेरितकरता  हैंI

विवाहित महिलाए पति की लम्बी आयु के लिए व्रतरखती हैं I अविवाहित लडकियाँ उतम वर की कामना करती हैंI मेहँदी, हरी चूड़ियाँ, हरी साड़ी परम्परागत लोक गीत एवं झूलेइस त्योहार का अभिन हिस्सा हैंI महिलायं सोलह श्रृंगार केसाथ सजती धजती हैं , गीत गाती हैं , झूले सजा करपारिवारिक मिल्न करती हैंI

हरितालिका तीज त्योहार बरसात के रंगों, दिव्य प्रेमका उत्सव, शिव पार्वती के मिलन की समृति महिला शक्ति औरप्रकति का सामान हैंI मान्यता हैं की इस दिन जो सुहागिनस्त्रियाँ सोलह श्रृंगार कर के भगवान माहदेव और माँ पार्वती कीपूजा करती हैं उनको सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती हैंI राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी उमेश नौटियाल ने बताया की सुहागिनोंको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं, कन्याओं के विवाह में रही परेशानियां दूर होती हैं l

टूटीकंडी के जंगली मैदान में तीज पर्व की धूम देखनेको मिलेगी l  सुहागिन महिलाएं हरे वस्त्रो में , हरी चूड़ियाँधारण किये हुए परम्परागत लोग गीत गाते हुए, झुला झूलते हुएनजर आएंगी l अब नेपाली महिलाओं द्वारा भी तीज का पर्वमनाया जाने लगा l

डिम्पल सूद

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close