EXCLUSIVE: अब आईजीएमसी में भी दवाओं का “लॉटरी सिस्टम”
10 गुना दाम फिर दिखावे के लिए 10 प्रतिशत छूट” चुंबक वाले तराजू का प्रतीक है ये सरकारी गणित

“आप का भाग्य आपको किस दुकान में ले जाता है इससे तय होगा आपकी दवाओं का खर्च
मंगलवार 5 अगस्त 2025, एक मरीज को पैरासिटामोल इन्फ्यूजन लिखा जाता है जिसे लेने वह बारी बारी आईजीएमसी परिसर में स्थापित केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा मरीजों के लिए खोली गई भारी छूट की दुकानों जिसमे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, रोगी कल्याण समिति द्वारा संचालित डिस्काउंटेड शॉप तथा हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाइज शॉप पर पहुंचता है !
जन औषधि में वही इन्फ्यूज़न उसे ट्रेड नेम Temp IV 50 बैच संख्या EP 00225003, 50% की छूट के बाद 120 रुपए में मिलता है और बिल पर रेट 240 अंकित होता है ! इन्फ्यूज़न पर रेट 490 तथा बैच EP 00225063 छपा होता है !

रोगी कल्याण समिति द्वारा संचालित डिस्काउंटेड शॉप में ट्रेड नेम Neomol (PCM) बैच संख्या L 447 इन्फ्यूज़न 33 रुपए छूट के बाद 301 रुपए में मिलता है ! इन्फ्यूज़न पर बैच संख्या 383T799 छपी होती है और 574 रुपए MRP अंकित होती है !

हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाइज शॉप में ट्रेड नेम Neomol (PCM) इन्फ्यूज़न 50 रुपए छूट के बाद 440 रुपए में मिलता है और जिस पर 574 रुपए MRP अंकित होती है ! बिल पर बैच MC 544527 और केवल पैरासिटामोल 100MLvial छपा होता है !


विषय की गंभीरता को देखते हुए जब हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाइज शॉप से Neemol इन्फ्यूज़न का सही बिल मांगा जाता है तो वह Neomol infusion कंप्यूटर पर न चढ़ा होने का हवाला दे कर पेन से लिख कर धुंधली सी स्टांप लगा कर दोबारा मरीज को थमा देता है इस पर जब मरीज द्वारा उससे दिए गए Neomol infusion का ही बिल देने के लिए कहा जाता है तो वो बिल फाड़ कर पैसे लौटा देता है और कहीं और से लेने के लिए कहता है ! घटना सीसीटीवी में निसंदेह रिकॉर्ड हुई होगी यदि बाद में उसे खराब न घोषित किया जाए !


अनियमित्तताओं का खेल यही नहीं रुकता थोड़ा और रिसर्च करने पर खुलासा होता है के यही Neomol infusion जिसकी MRP 574 है वह थोक व्यापारी द्वारा 46 रुपए पर 12 % जीएसटी लगा कर 51.52 रुपए में दवा दुकानों पर उपलब्ध होता है जिसे 100 रुपए में भी बेचा जाए तो दोगुना लाभ सुनिश्चित होता है !

घटनाक्रम के दौरान दिए गए सभी बिल को खबर के साथ संलग्न किया गया है पाठकों से निवेदन है अपनी तसल्ली अवश्य करें !
मरीजों को हर संभव सहयोग देने के दावे जिन्हे अक्सर आईजीएमसी प्रशासन स्वास्थ्य के अधिकारियों को मीडिया में बयानबाजी करते हुए देखा जा सकता है उस प्रशासन की नाक के नीचे ऐसा कारनामा ! आखिर कैसे !
प्रदेश की दक्ष ड्रग अथॉरिटीज जो शायद दवाओं के नाम और बैच सही होने के बावजूद साफ लिखाई में न लिखे होने पर भी दवा व्यापारियों पर कार्रवाई की क्षमता रखती है वह सरकारी क्षेत्र में ऐसी अव्यवस्था के लिए कैसा रुख अपनाती है !
जीवन रक्षक दवाओं की खुदरा और परचून की दरों में इतना अंतर इस पर राष्ट्रीय दवा नियामक आयोग का क्या रवैया है !
व्यवस्था परिवर्तन का दम भरने वाली प्रदेश सरकार जो प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में धडल्ले से चल रही इस लूट को किस तरह से देखती है ! क्या इस तरह की घटना एक बार फिर सिविल सप्लाइज के आबंटन को ले कर जताई गई आशंकाओं को दुरुस्त करती है जिसमे इन दुकानों में मुनाफाखोरी तथा मिडिलमैन की भूमिका पर सवाल उठत रहे है !
अफवाहों की माने तो सरकार बदलते ही सिविल सप्लाइज दुकानों को मंत्री संतरियो द्वारा अपने चहेतों को सौंप दिया जाता है एक अच्छी खासी मोटी रकम के बदले ! यही हिस्सेदारी कही गरीब के लूटने का सबब तो नही बन रही !  और ऐसा किसी एक विशेष सरकार नही अपितु अन्य सरकारों के कार्यकाल में भी देखा गया है !
किसी की टांग तोड़ दो फिर उसे बैसाखी थमा दो कहीं डिस्काउंट के नाम पर इसी तरह का व्यवहार तो नही हो रहा गरीब जनता के साथ !
मात्र एक किलोमीटर से भी कम के दायरे में एक जीवन रक्षक पैरासिटामोल इन्फ्यूजन के इतने दाम वे भी पर्याप्त रिकॉर्ड के बिना प्रदेश के सबसे बड़े और भरोसेमंद स्वास्थ्य संस्थान में क्या यही विकास है या जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ !
 
					 
							
													


