आपदा में उम्मीद की किरण: विद्यापीठ संस्थान देगा मंडी के जरूरतमंद विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग

मंडी, 10 जुलाई।
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आई भीषण प्राकृतिक आपदा—भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन—ने सैकड़ों परिवारों को गहरे संकट में डाल दिया है। इस आपदा ने न केवल लोगों की आजीविका और घरों को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि बच्चों की शिक्षा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। विशेष रूप से वे विद्यार्थी, जो कोचिंग जैसी शैक्षणिक सुविधाओं का खर्च अब नहीं उठा सकते, अत्यंत कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
ऐसे समय में विद्यापीठ संस्थान ने सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचय देते हुए एक सराहनीय मानवीय पहल की है। संस्थान के निदेशक डॉ. रमेश शर्मा एवं इंजीनियर रविंदर अवस्थी ने संयुक्त रूप से घोषणा की है कि मंडी जिले के आपदा प्रभावित और आर्थिक रूप से असमर्थ विद्यार्थियों को पूरी तरह निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी।
इंजीनियर रविंदर अवस्थी ने कहा,
“हमारा संस्थान शिक्षा और सेवा के सिद्धांतों पर कार्य करता है। यदि इस संकट की घड़ी में हम बच्चों के भविष्य को संवारने में सहायक बन सकें, तो यह हमारे लिए गौरव की बात होगी।”
डॉ. रमेश शर्मा ने कहा,
“आपदा चाहे जितनी भी विकराल क्यों न हो, शिक्षा का दीपक बुझना नहीं चाहिए। हम नहीं चाहते कि किसी विद्यार्थी की पढ़ाई केवल इस कारण रुक जाए कि वह कोचिंग की फीस नहीं चुका सका।”
विद्यापीठ संस्थान द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार यह योजना मंडी जिले के उन विद्यार्थियों के लिए है:
• जो हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं।
• जिनके परिवार आर्थिक रूप से असमर्थ हो गए हैं।
• जो कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र हैं या किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
संस्थान ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में आपदा की वजह से कई परिवार तत्काल आवश्यक प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं करवा सकते। ऐसे में विद्यार्थियों से अभी केवल आवेदन लिए जाएंगे, और जब परिस्थितियाँ सामान्य होंगी, तब वे आपदा प्रभावित होने तथा आर्थिक स्थिति से संबंधित प्रमाण-पत्र संस्थान को प्रस्तुत कर सकेंगे।
पात्र पाए गए विद्यार्थियों को संस्थान द्वारा प्रदान की जाएगी:
• पूरी तरह निःशुल्क कोचिंग,
• अध्ययन सामग्री,
• और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन।
ऑनलाइन क्लासेज़ की सुविधा भी उपलब्ध
आपदा की इस घड़ी में बहुत से विद्यार्थियों ने न केवल अपने घर और संपत्ति खो दी है, बल्कि वे अस्थायी रूप से अन्य स्थानों पर रहने को मजबूर हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए विद्यापीठ संस्थान ने यह भी निर्णय लिया है कि जो विद्यार्थी किसी कारणवश ऑफलाइन कक्षाओं में भाग नहीं ले सकते, उन्हें ऑनलाइन माध्यम से भी पूरी तरह निःशुल्क क्लासेज़ उपलब्ध करवाई जाएंगी।
संस्थान के पास हाइब्रिड (ऑनलाइन + ऑफलाइन) शिक्षा प्रणाली पहले से मौजूद है, जिससे विद्यार्थी जहाँ कहीं भी रहकर पढ़ाई जारी रख सकते हैं। यह सुविधा सुनिश्चित करेगी कि आपदा से प्रभावित किसी भी बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो।
यह सिर्फ राहत नहीं, एक संकल्प है— “कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे”
विद्यापीठ संस्थान ने मंडी के समाजसेवियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से भी अपील की है कि वे इस संदेश को अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चों तक पहुँचाएं, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा सकें।
जहाँ एक ओर प्राकृतिक आपदा ने मंडी के लोगों को संकट में डाला है, वहीं विद्यापीठ संस्थान की यह पहल उन डगमगाते हुए भविष्यों को फिर से संबल देने का कार्य करेगी। यह सिर्फ एक राहत नहीं, बल्कि आने वाले कल की नींव को मजबूत करने का एक संकल्प है—शिक्षा की रोशनी से हर बच्चे का जीवन फिर से प्रकाशित हो।



