शिक्षा

ख़ास खबर: हिमाचल में शिक्षा को मजबूती देगा ‘माइंडफुलनेस पाठ्यक्रम

*शिक्षा मंत्री ने माइंडफुलनेस पाठ्यक्रम के तहत जीवन कौशल कार्यक्रम का किया शुभारंभ*

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*हिमाचल में शिक्षा को जीवन कौशल आधारित बनाने की दिशा में अहम*

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*शिमला*

हिमाचल सरकार ने स्कूली शिक्षा को अधिक समग्र और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए ‘माइंडफुलनेस पाठ्यक्रम के अंतर्गत जीवन कौशल’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक, सामाजिक और व्यवहारिक रूप से भी सशक्त बनाना है ताकि वे जीवन की चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना कर सकें।

इस पाठ्यक्रम का विधिवत शुभारंभ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिमला में आयोजित एक विशेष समारोह में किया। इस अवसर पर समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, समग्र शिक्षा के अधिकारी, माइंडफुलनेस कार्यक्रम की स्टेट कोऑर्डिनेटर सीमा वर्मा और अन्य कोऑर्डिनेटर के अलावा भारती एयरटेल फाउंडेशन के हैड प्रोग्राम एंड ऑपरेशन्स समीर शाह, हिमाचल और पंजाब के रीजनल हैड प्रवीण चौधरी, एयरटेल के स्टेट हैड कैलाश पंत सहित ब्रजेश भारद्वाज और वीना त्यागी उपस्थित रहे। शिक्षक भी ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।

 

*हिमाचल सरकार की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकताः रोहित ठाकुर*
शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद सरकार ने शिक्षा बजट में कोई कटौती नहीं की है और लगभग दस हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में 2022 से निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने जीवन कौशल पाठ्यक्रम को साकार करने में सहयोग देने के लिए भारती एयरटेल फाउंडेशन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के आवश्यक कौशलों को स्कूली विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए सरकार और एयरटेल फाउंडेशन मिलकर कार्य कर रहे हैं।

*शिक्षा में नवाचार और वैश्विक दृष्टिकोण पर बल*
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को समयानुकूल और प्रासंगिक बनाने के लिए नवाचारों को प्रोत्साहन दे रही है। पहली बार प्रदेश के शिक्षकों को सिंगापुर की एक्सपोजर विजिट पर भेजा गया है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणालियों से परिचित हो सकें। इसके साथ ही, स्कूली विद्यार्थियों को भी सिंगापुर और कंबोडिया की शैक्षणिक यात्राओं पर भेजा गया, जो देश में एक अनूठी पहल है।

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*अंतरराष्ट्रीय भागीदारी की ओर कदम*
प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को सशक्त करने हेतु यूनेस्को के साथ साझेदारी की है, जिससे हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप मजबूती मिलेगी। उन्होंने आशा जताई कि एयरटेल फाउंडेशन के साथ यह सहभागिता भी आने वाले समय में और प्रभावशाली होगी।

 

*दो साल पहले का सपना हुआ साकारः राजेश शर्मा*
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि जीवन कौशल पाठ्यक्रम की कल्पना दो वर्ष पूर्व की गई थी, जो अब साकार हुई है। यह पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 21वीं सदी के कौशलों का अभिन्न हिस्सा है। इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि शिक्षकों पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े और इसे मौजूदा पाठ्यक्रम में गतिविधियों के रूप में सहज रूप से समाहित किया जा सके।

 

*व्यापक सलाह और कार्यशालाओं के बाद तैयार हुआ पाठ्यक्रम*
राजेश शर्मा ने कहा कि पाठ्यक्रम निर्माण हेतु अनेक कार्यशालाएं आयोजित की गईं और विशेषज्ञों की सलाह से इसे अंतिम रूप दिया गया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी विश्व में सफलता के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आई असर रिपोर्ट में हिमाचल की शिक्षा प्रणाली में हुए सकारात्मक सुधार स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुए हैं।

 

*भारती एयरटेल फाउंडेशन की निरंतर सहभागिता*
भारती एयरटेल फाउंडेशन के हैड प्रोग्राम एंड ऑपरेशन्स समीर शाह ने कहा कि यह पहल समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा की सक्रियता और दूरदर्शिता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और भारती एयरटेल फाउंडेशन के बीच साझेदारी निरंतर गहराती जा रही है, जो अब एक प्रेरणादायक सहयोग में परिवर्तित हो चुकी है।

 

*कार्यपुस्तिकाओं के माध्यम से जीवन कौशल का विकास*
यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा के अंतर्गत भारती एयरटेल फाउंडेशन के सहयोग से विकसित किया गया है। इसके अंतर्गत तैयार की गई कार्यपुस्तिकाएं विद्यार्थियों को आत्म-जागरूकता, समय प्रबंधन, लक्ष्य निर्धारण, रचनात्मक और आलोचनात्मक सोच, तनाव प्रबंधन, सहानुभूति और प्रभावशाली संवाद जैसे विषयों पर मार्गदर्शन देंगी।
इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालयों में ऐसा वातावरण निर्मित किया जाएगा जिसमें विद्यार्थी संवाद, नेतृत्व, टीमवर्क, आत्म-नियंत्रण और भावनात्मक संतुलन जैसे गुणों का स्वाभाविक विकास कर सकें। यह पाठ्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहारिक विकास को बल देगा, बल्कि स्कूलों को संवेदनशील और सहयोगात्मक माहौल प्रदान करेगा।
उम्मीद है कि यह पहल हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक समावेशी, सशक्त और जीवन मूल्यों पर आधारित बनाएगी, जिससे न केवल बेहतर विद्यार्थी, बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी तैयार हो सकें।

 

*शिक्षकों को किया गया सम्मानित*
इस अवसर पर एयरटेल फाउंडेशन की ओर से उत्कृष्ट शिक्षण सामग्री तैयार करने में योगदान देने वाले शिक्षकों — सीताराम, मुक्ता और मधु ठाकुर — को सम्मानित किया गया।

Deepika Sharma

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