मानव संसाधन के उभरते परिदृश्य, कैंपस में भर्ती और डिजिटल युग में प्रतिभा की तत्परता पर चर्चा

जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जेयूआईटी), वाकनाघाटने 2 मई, 2025 को अपने बहुप्रतीक्षित एचआर कॉन्क्लेव 2025 की मेजबानी की, जिसमें मानव संसाधन के उभरते परिदृश्य, कैंपस में भर्ती और डिजिटल युग में प्रतिभा की तत्परता पर चर्चाकरने के लिए मानव संसाधन नेताओं, कॉर्पोरेट अधिकारियों औरअकादमिक दूरदर्शी लोगों का एक प्रतिष्ठित समूह एक साथआया।
यह कार्यक्रम 2 मई को जेयूआईटी परिसर में हुआ, जिसमेंव्यावहारिक मुख्य सत्र, पावर–पैक पैनल चर्चा और एक उत्साहीछात्र–उद्योग आदान–प्रदान शामिल था।
सम्मेलन की शुरुआत प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिनमें श्री नरिंदर अहलूवालिया (ईवीपी, कोवेलिएंस), श्री देबाशीष घोष (वरिष्ठ वीपी, बर्कडिया), प्रो (डॉ) राजेंद्र कुमार शर्मा (कुलपति, जेयूआईटी), सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर आरके शर्मा (रजिस्ट्रार और छात्र डीन, जेयूआईटी), सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर संजय डावर (टी एंड पी प्रमुख, जेआईआईटी), प्रो अशोक कुमार गुप्ता (डीन-अकादमिक, जेयूआईटी), प्रो सुधीर कुमार (डीन-रिसर्च एंड इंटरनेशनलाइजेशन), प्रो सुनील कुमार खाह (डीन-एक्रीडिटेशन), प्रो तीरथ राज सिंह (मीडिया प्रभारी, जेयूआईटी), श्री संजय तेवतिया (सहायक रजिस्ट्रार, अकादमिक), डॉ सौरभ बंसल (संकाय प्रभारी, टी एंड पी, जेयूआईटी), श्री पंकज मंटा (टी एंड पी समन्वयक, जेयूआईटी). प्रोफेसर हेमंत सूद ने समारोह की संचालिका के रूप में अतिथियों का स्वागत किया तथा अकादमिक-उद्योग तालमेल को बढ़ाने में इस कार्यक्रम की भूमिका पर जोर दिया।
प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा दो मुख्य भाषण दिए गए। श्री नरिंदरअहलूवालिया द्वारा “कैंपस से कॉर्पोरेट तक: नियोक्ता कीअपेक्षाओं के लिए फ्रेशर्स को तैयार करना” पर पहला मुख्यभाषण, कार्यस्थल की तत्परता और नेतृत्व पर कार्रवाई योग्यअंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो कॉर्पोरेट कोचिंग और कर्मचारीजुड़ाव में उनके व्यापक अनुभव पर आधारित है। श्री देबाशीष घोषद्वारा दूसरा मुख्य भाषण “साइबर खतरों में जनरेटिव एआई” परकेंद्रित था, जिसने मानव संसाधन, साइबर सुरक्षा और भविष्य कीप्रौद्योगिकियों के प्रतिच्छेदन पर एक महत्वपूर्ण संवाद को जन्मदिया।
श्री नरिंदर अहलूवालिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान विशेषरूप से उल्लेख किया कि अब जेयूआईटी अपनी प्रगति के पायलटमोड में है, क्योंकि जेयूआईटी के सीईओ श्री मनु भास्कर गौड़ नेकार्यभार संभाला है। उन्होंने उल्लेख किया कि मनु जी का विजनजेयूआईटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने यह भी उल्लेखकिया कि जेयूआईटी के संकाय विद्वान और प्रगतिशील लोग हैं, जिनमें से कई को उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय अनुभव है। श्री देबाशीषघोष ने अपने संदेश के माध्यम से भारत के सभी मानव संसाधनअधिकारियों को जेयूआईटी का दौरा करने और फिर व्यक्तिगतरूप से देखने के लिए आमंत्रित किया कि कैसे एक उत्कृष्टविश्वविद्यालय पिछले 23 वर्षों से शिक्षा, प्रशिक्षण और बुनियादीढांचे में अपनी उत्कृष्टता को आगे बढ़ा रहा है।
दो विचारोत्तेजक पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें से पहलीचर्चा “फ्रेशर्स की दुविधा – क्या तकनीकी विशेषज्ञता पर्याप्त है?” पर थी, जिसका संचालन सुश्री रवनीत मलिक (नेटस्मार्टज़) नेकिया, जिसमें पैनलिस्ट रितु शर्मा (ब्रिलियो), तीव्रता कौल (नेटसॉल्यूशंस), अनीशा राघव (एडिफ़ेक्स), मनीषा परमार(केपीएमजी) और आकाश दीप शर्मा (इंड–स्विफ्ट ग्रुप) थे। इससत्र में तकनीकी क्षमताओं के पूरक के रूप में भावनात्मकबुद्धिमत्ता, अनुकूलनशीलता और संचार कौशल की बढ़तीआवश्यकता पर जोर दिया गया।
दूसरी पैनल चर्चा “करियर की तैयारी में तेजी लाना: इंटर्नशिपऔर व्यावहारिक परियोजनाओं की शक्ति” पर थी, जिसकासंचालन सुश्री ऋषिका वर्मा वोहरा ने किया, जिसमें पैनलिस्टकरिश्मा शर्मा (ईवाई), संजीव दोशी (आरसीएफएल), नरेंद्र शर्मा(एनटीपीसी), माधुरी सांख्यान (पैक्सकॉम), जाह्नवी सिंह(एसईओ डिस्कवरी) और प्रो. आर.के. शर्मा (वीसी, जेयूआईटी) थे। चर्चा में अनुभवात्मक शिक्षा के प्रभाव को रेखांकित कियागया और संस्थानों से अकादमिक पाठ्यक्रम में वास्तविक दुनियाकी परियोजनाओं को शामिल करने का आग्रह किया गया।
पूरे दिन, प्रतिभागियों ने मानव संसाधन, प्रतिभा अधिग्रहण, विविधता, नेतृत्व और कार्यस्थलों के डिजिटल परिवर्तन में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए जीवंत संवाद में भाग लिया। सत्रों ने छात्रों की क्षमताओं को उद्योग की उभरती अपेक्षाओं के साथ संरेखित करने के लिए मूल्यवान रणनीतियों की पेशकश की। JUIT के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सेल समन्वयक श्री पंकज मंटा ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का समापन कुलपति प्रोफेसर शर्मा द्वारा अतिथियों के अभिनंदन और प्रोफेसर सूद द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।




