ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का फैसला सराहनीय है

केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा चम्बा कांगडा दौरे के दौरान मेडीकल डिवाइस पार्क पर दिए व्यान कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने केंद्र द्वारा दिए गए 25 करोड रूपए को भी वापस कर दिया के फैसले को सही ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व मीडिया को-ओरडीनेटर डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने कई ऐसी शर्ते लगाई हुई थी जिससे प्रदेश के हित और संसाधनो का भारी नुकसान होता जिसमे मुख्यतः उद्योगपत्तियो को एक रूपए प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि उपलब्ध करवाना शामिल था जिस कारण 300 एकड भूमि मात्र लगभग 12 लाख रुपए कीमत पड़ती जबकि वर्तमान मे 300 एकड भूमि की मार्किट वेल्यू लगभग 500 करोड रूपए है ।
यही नही प्रदेश सरकार को 3 रूपए प्रति यूनिट की दर से उद्योग पतियों को बिजली प्रदान करनी थी जो राज्य सरकार को 7 रूपए की दर से पड़ती है और मेडीकल डिवाइस पार्क से जीएसटी का एक पैसा भी नही मिलना था । इस कारण प्रदेश सरकार ने इस परियोजना मे केंद्र सरकार की कोई भी मदद न लेने का फैसला कर प्रदेश के हितों को सुरक्षित किया है और राज्य हित मे राज्य सरकार स्वयं इस परियोजना का निर्माण करने का मुख्य मन्त्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का फैसला सराहनीय है । उन्होंने कहा हिमाचल से सम्बंधित श्री जगत प्रकाश नड्डा भारतीय जनता पार्टी के बड़े उच्चे कद के नेता है और केंद्र सरकार मे कैबिनेट मन्त्री है उन्हे राजनीति से ऊपर उठकर राज्य सरकार को मदद देनी वाली सभी योजनाओं मे विशेष छूट के साथ प्रदेश हित मे ऐसी परियोजना शर्ते बनानी चाहिए जिससे हिमाचल प्रदेश स्वावलम्बी राज्य बनने की तरफ अग्रसर हो । केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री श्री जगत प्रकाश नड्डा को इस मैडीकल डिवाइस पार्क परियोजना मे भी उक्त शर्तो मे पूर्ण छूट दिलवानी चाहिए जो उनका राज्य हित मे स्वागत योग्य कदम होगा।
डॉक्टर दिनेश कुमार ने आगे कहा कि श्री जगत प्रकाश नड्डा का दौरा आकांक्षी जिला चम्बा की प्रगति समीक्षा के सम्बंध मे था इसीलिए उनसे आग्रह है कि केंद्र सरकार आकांक्षी जिला चम्बा को कृषि, उद्यान, उद्योग स्वास्थ्य, शिक्षा मे विशेष रियायत देते हुए यहां के स्थानीय छात्र एवम् बेरोजगार युवाओं को प्रमुखता से व्यवसायिक शिक्षा और रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए और आपात चिकित्सा सुविधा( मैडीकल ऐमरजेन्सी) मे सुलभ निशुल्क एयर कनेक्टिविटी(एयर एम्बुलेंस) उपलब्ध करवाई जाऐ ताकि अनमोल जीवन की रक्षा हो सके क्योकि जिला चम्बा चिकित्सालय से उच्च चिकित्सा सुविधा केंद्र टाण्डा (कांगड़ा), एम्स बिलासपुर व आईजीएमसी शिमला सड़क मार्ग से लगभग 6 घण्टे से 12 घण्टे की दूरी पर है जिस कारण रेफर किये गए मरीज को सामयिक चिकित्सा न मिलने के कारण अपनी जान गवानी पडती है।




