
एक अक्टूबर विश्व भर में (urticaria) आर्टिकेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिमाचल में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। आप भी जानिए इसके प्रकार कारण और लक्षण।
(Urticaria) आर्टिकेरिया (छपाके) बिच्छू बूटी के लगने से जैसे लाल निशान पड़ जाते हैं जिसमें बहुत ज्यादा रेडनेस और खारिश होती है इसी को आर्टिकेरिया कहते हैं। आज का दिन विश्व भर में इस इस बीमारी के पेशेंट और आम जनता में इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।आईजीएमसी में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं जिसमें हर वर्ष लगभग 20 मामले सामने आ जाते हैं।
आर्टिकेरिया क्या है इसके प्रकार और कारण । कौन-कौन सी investigation करनी जरूरी है या नहीं है और इससे कैसे मैनेज करते हैं। इसके बारे में आईजीएमसी के त्वचा विभाग के अध्यक्ष घनश्याम वर्मा का कहना है कि
आर्टिकेरिया को उसके समय काल से मतलब वह बीमारी कितने दिन तक चलती है इससे पता लगाया जा सकता है।आर्टिकेरिया के दो प्रकार होते हैं।6 हफ्ते तक जो चले उसको एक्यूटआर्टिकेरिया (acute urticaria)कहते हैं। 6 हफ्ते से ज्यादा जो चले उसे क्रॉनिकआर्टिकेरिया (cronic urticaria)कहते हैं।

आर्टिकेरिया के लक्षण।
शरीर में कभी भी लाल रंग के छपा के या सूजन हो जाती है या लाल रंग के दाने पड़ जाते हैं जिससे खारिश होती है ये आर्टिकेरिया के लक्षण है।कभी-कभी किसी व्यक्ति को होंठों गले में सूजन या सांस लेने में दिक्कत भी आ सकती है इसे angieodina कहते हैं।
आर्टिकेरिया किन चीजों से होता है।
किसी भी प्रकार की दवाइयों से भी आर्टिकेरिया हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार यह भी देखा गया है कि जो दवाइयां एलर्जी के लिए दी जाती है उससे भीआर्टिकेरिया हो सकता है। कभी-कभी फूड एलर्जी(food allergy) भी आर्टिकेरिया का कारण हो सकता हैं।



