प्रदेश की झांकी का चयन भारत पर्व के लिए हुआ

इस वर्ष गणतन्त्र दिवस 2025 के अवसर पर हिमाचल प्रदेश की झांकी का चयन भारत पर्व के लिए हुआ है।
इस वर्ष की झांकी में निकोलिस रोरिक के 150 वें जन्म वर्ष के उपलक्ष्य में भारत और रूस के सांस्कृतिक सम्बन्धो की विरासत को दर्शाने का तथा निकोलिस रोरिक के कला साहित्य और दर्शन में उनके द्वारा किए गए कार्यों के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया गया है।
विभाग के निदेशक डॉ० पंकज ललित नें बताया कि निकोलिस रोरिक हिमालय के प्रति विशेष अनुराग रखते थे तथा इसी कारण जब वे अपने एशियाई अभियान के दौरान विभिन्न दरों को पार करते हुए कुल्लू पहुँचे तो यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होनें कुल्लू के नग्गर में सदा के लिए बसने का निर्णय लेकर इसे अपनी कर्म स्थली बनाया ।
भारत पर्व में प्रस्तुत की जा रही झांकी में निकोलिस रोरिक को नग्गर स्थित उनके घर जो अब अंतर्राष्ट्रीय रोरिक मैमोरियल ट्रस्ट के नाम से जाना जाता है, में चित्रकारी करते हुए दिखाया गया है तथा उनके कुछ विश्वविख्यात चित्र भी झांकी में देखे जा सकते हैं। झांकी में कुल्लू में पूज्य एक देवता गुग्गा चौहान को भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही झांकी में कुल्लू में हुए बड़े पैमाने पर सड़कों के निर्माण, सुंदर आनन्ददायक चार लेन सड़के, फलाई ओवर और घाटी की स्थलाकृति के साथ मेल खाती सुंरगों को दर्शाया गया है जोकि परम्परा और विकास के मिलन का सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है ।


