शिक्षा गुणवत्ता कार्यशाला मे हुए मंथन से निकलेगा अमृत : वीरेंद्र चौहान

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने 21 नवंबर से 23 नवंबर तक तीन दिन चली शिक्षा गुणवत्ता पर कार्यशाला जिसे समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा द्वारा आयोजित किया गया था इसमें विशेष रूप से माननीय शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर जी, शिक्षा सचिव राकेश कंवर,शिक्षा निदेशक उच्च अमरजीत शर्मा,शिक्षा निदेशक माध्यमिक आशीष कोहली ने इस कार्यशाला में ज्यादातर समय निकालकर इस कार्यशाला में विभिन्न जिला से चुनाव के आधार पर आये उपनिदेशक, प्रिंसिपल,हेडमास्टर,प्रवक्ता, खंड शिक्षा अधिकारी, केंद्रीय मुख्य शिक्षक,एसएमसी सदस्य को संबोधित किया
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि मुझे भी इस कार्यशाला में तीन दिन तक भाग लेने का अवसर मिला जिसके लिए मैं समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक श्री राजेश शर्मा का आभार व्यक्त करता हूं
कार्यशाला के दौरान वीरेंद्र चौहान ने सचिव शिक्षा के समक्ष सभी अधिकारियों की उपस्थिति में एजुकेशन रिफॉर्म्स के मध्य नजर शिक्षा गुणवत्ता को ऐसे बढ़ाया जा सके इस दिशा में कुछ ज्वलन सुझाव वह अपनी चिंता व्यक्ति की
जिसमें कहा गया कि सरकारी स्कूलों में पूरे वर्ष में कोई ना कोई एक्टिविटी किसी न किसी विभाग के द्वारा बच्चों से कराई जाती है और शिक्षा विभाग की कई तरह की एक्टिविटी पूरी साल चलती है जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है ओर हमारे टीचिंग डेज कम हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर बच्चे और शिक्षक भी इन एक्टिविटी के चलते स्कूल से बाहर रहते हैं सुझाव दिया गया कि सत्र के शुरू में ही एक एक्टिविटी कैलेंडर बनना चाहिए जिससे सारी एक्टिविटी क्लब करके शुरू में ही कराया जाए ताकि पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय बच सके
चौहान ने सुझाव दिया कि स्कूल रिसोर्स शेयरिंग के बजाये कंपोजिट स्कूल सिस्टम पर जोर देने की आवश्यकता है जिससे पहली से 12वीं तक के स्कूल सिस्टम को एक छत के नीचे लाकर गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकता है इसके अतिरिक्त स्कूलों में क्लास वाइज या सब्जेक्ट वाइज शिक्षकों की आवश्यकता है विशेष कर प्राथमिक विद्यालय में पांच कक्षाओं के लिए पांच शिक्षक होने चाहिए चौहान ने उन स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करने या बंद करने के फैसले का भी स्वागत किया जहां पर बच्चे नहीं है या कम है,उन्होंने कहा कि यह हिमाचल सरकार का बहुत ही दूरदर्शी कदम है ऐसा करके शिक्षा मंत्री श्री रोहित ठाकुर ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय भी दिया है इसके अतिरिक्त छुट्टियों के शेड्यूल मे बदलाव को लेकर भी उन्होंने अपना तर्क दिया और पहले की तरह इस बार भी स्पष्ट किया कि हिमाचल की टोपोग्राफी को देखते हुए दो तरह की वेकेशन शेड्यूल नहीं चल पाएंगे जहां पर ज्यादा सर्दी है वहां पर विंटर वेकेशन शेड्यूल,जहां पर ज्यादा गर्मी है वहां पर समर शेड्यूल और जहां पर बरसात की वजह से छात्रों को ज्यादा परेशानी हो सकती है या ज्यादा बरसात होती है वहां पर मानसून वेकेशन शेड्यूल देने की आवश्यकता है वेकेशन शेड्यूल को जरूरत के आधार पर बदलने की बात को रखा
मांग की गई की पूरे हिमाचल प्रदेश में पहले से 12वीं तक के सभी परीक्षाएं दिसंबर में ही कराई जाए ताकि किसी भी वैकेशन शेड्यूल के बच्चों को इसका नुकसान ना हो और एकरूपता लाई जाए
प्रश्न पत्रों को एक जैसा रखा जाए ताकि अलग-अलग सीरीज में कठिन और आसान प्रश्नों से बच्चों के मनोबल पर कोई प्रभाव न पड़े
चौहान ने शिक्षकों की भर्तियों एवं पदोन्नतियों पर भी अपनी बात को जोरदार तरीके से रखा जिसमें कहा गया कि जहाँ एक ओर शिक्षकों की भर्तियां निरंतर होनी चाहिए वहीं दूसरी और गुणवत्ता शिक्षा के लिए यह भी आवश्यकता है कि पदोन्नति साल में काम से कम दो बार हो जिस तरह शिक्षा विभाग में नॉन टीचिंग की साल में तीन-तीन बार पड़ोनतियाँ होती है
यह भी जोर देकर कहा गया कि आज ट्रेनिंग के स्वरूप को बदलने की आवश्यकता है नीड बेस्ड ट्रेनिंग दी जाए जिसमें ज्यादातर टेक्नोलॉजी को कैसे प्रयोग किया जाए इस पर आधारित ट्रेनिंग की आवश्यकता है लोकल लेवल पर जो भी हुमन रिसोर्स या मटेरियल रिसोर्सेस है उसका ज्यादा इस्तेमाल कर शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है चौहान ने कहा कि उनके द्वारा दूसरे दिन दिए गए इन सभी सुझाव पर तीसरे दिन भी अन्य सभी प्रतिभागियों ने चर्चा की और अपनी चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा गुणवत्ता के लिए इन बिंदुओं को बहुत अहम माना
जिस पर शिक्षा सचिव ने शिक्षा विभाग के तमाम आलाधिकारियों के साथ मिल कर अमली जामा पहनाने की बात को कहा ओर विश्वास दिलाया
ओर सभी शिक्षकों से वेहतर कार्य कर शिक्षा गुणवता पर ध्यान देने का आह्वान किया
ओर साथ मे अपने ओजस्वी विचारों से सभी उनमें नई ऊर्जा का संचार किया
चौहान ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला अवश्य ही शिक्षा के क्षेत्र में मिल का पत्थर साबित होगी और भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाएं होती रहे ये उनका मानना है




