ख़ास ख़बर: अगले साल शिक्षकों का ट्रेनिंग कैलेंडर जारी करेगा समग्र शिक्षाः राजेश शर्मा*
सरकार ने शिक्षा की बेहतरी के लिए कई कठिन फैसले किएः राकेश कंवर*

*शिमला*
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर हिप्पा ( Himachal Pradesh Institute of Public Administration) शिमला आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला आज संपन्न हो गई।
समग्र शिक्षा और हिप्पा के संयुक्त तत्वाधान में “क्वालिटी एजुकेशन इन हिमाचल” विषय पर आयोजित इस कार्यशाला के आखिरी दिन शिक्षा सचिव राकेश कंवर, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर (रिटा.) विशाल शर्मा, हिप्पा के अतिरिक्त निदेशक प्रशांत सरकैक, संयुक्त सचिव शिक्षा सुनील वर्मा विशेष तौर पर मौजूद रहे। आखिरी दिन शिक्षकों की भर्तियां एवं ट्रेनिंग सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि सरकार ने पिछले दो सालों में कई ऐसे कठिन फैसले लिए हैं जो कि शिक्षा की बेहतरी के लिए बेहद जरुरी थे। सरकार ने स्कूलों के मर्ज करने फैसला शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिया। इसके अलावा कई अन्य कदम भी उठाए गए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए हर स्तर पर फैसले लिए जा रहे हैं। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों से कहा कि स्कूल हैड होने के नाते उनकी सबसे बड़ी जिम्मेवारी हैं और वे अपने स्कूलों की बेहतरी के लिए फैसले लें। शिक्षा सचिव ने निजी स्कूलों का शिक्षा में अहम योगदान स्वीकारते हुए कहा कि इनको भी साथ लेकर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में बेहतरीन कार्य कर रहे निजी स्कूलों की बेस्ट प्रैक्टिस को सरकारी स्कूलों मे भी लागू किया जा सकता है। वहीं, अगर निजी स्कूल अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग समग्र शिक्षा से ट्रेनिंग कराना चाहते हैं तो उस पर भी विचार किया जाना चाहिए।
*स्कूल अपने परिसरों में पब्लिक लाइब्रेरी-ओपन जिम बनाएं*
शिक्षा सचिव ने स्कूलों से अपनी लाइब्रेरियों को पब्लिक लाइब्रेरी बनाने के लिए कहा ताकि सभी इनका इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरियां स्थापित की जानी हैं, इसके लिए मौजूदा लाइब्रेरियों को अपग्रेड कर डिजिटल लाइब्रेरी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल अपने यहां लाइब्रेरियां स्थापित करने के लिए फंड ले सकते हैं, हालांकि ये पब्लिक लाइब्रेरियां होंगी। इसी तरह स्कूल अपने परिसरों में ओपन जिम भी स्थापित कर सकते हैं। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों से अपने स्तर पर ग्रीन स्कूल-क्लीन स्कूल बनाने जैसे छोटे-छोटे कार्य करने का भी आवाहन किया।
राकेश कंवर ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से आए सुझावों पर गौर कर उनको लागू करने पर काम किया जाएगा। उन्होंने इस कार्य़शाला को आयोजित करने के लिए समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा की तारीफ की और कहा कि कार्यशाला में केंद्र सरकार के पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप जैसी बड़ी हस्तियां मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुई हैं, जिनसे सीखने को मिला है। यही नहीं वे केंद्र स्तर पर शिक्षा संबंधी फैसले लेते समय हिमाचल का पक्ष भी मजबूती से रखेंगे।
समग्र शिक्षा, शिक्षा विभाग के साथ मिलकर शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग कैलेंडर जारी करेगाः राजेश शर्मा
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में शिक्षकों की ट्रेनिंग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग मैनेजमेंट मॉड्यूल बना रहा है। हालांकि ट्रेनिंग पर शिक्षकों के जाने से कई बार स्कूलों में पढ़ाई पर असर पड़ने की संभावना रहती है। इसके चलते समग्र शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग के साथ मिलकर एक ट्रेनिंग कैलेंडर तैयार कर अगले साल इसे जारी करेगा ताकि ट्रेनिंग के साथ-साथ स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलती रहे। राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है, जो कि इस बात से भी साबित होता कि हिमाचल पीटीआर के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। हालांकि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते शिक्षकों की कमी की समस्या जरूर आती है, इसके लिए सरकार शिक्षकों की भर्तियां कर रही हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों में स्कूलों में छात्रों की संख्या घटती संख्या पर चिंता जताई और कहा कि इसको बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। राजेश शर्मा ने कहा कि तीन दिन तक चली इस कार्यशाला में कई अहम सुझाव आए हैं जो शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कारगर साबित होंगे।
*शिक्षा में एक्सीलेंस हासिल करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करना जरूरी*
उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने शिक्षा विभाग का “वर्तमान ढांचा- ताकत व कमजोरियां” पर अपनी प्रस्तुति दी। शिक्षा निदेशक ने शिक्षा में एक्सीलेंस हासिल करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल करने पर बल किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मौजूदा समय में अधिकांश स्कूलों में आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास रूम है। इनके अलावा कई स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम और अटल टिंकरिंग लैब भी खोली गई हैं। इसके अलावा हिमाचल के स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जा रही हैं। इन सभी का पूरी तरह से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। शिक्षा निदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग का कुछ इनोवेशन लैब, रोबैटिक लैब, वर्चुअली लैब बनाने का भी विचार है। उन्होंने बच्चों को मादक द्रव्यों से दूर रखने के लिए शिक्षकों से आगे आने का आग्रह भी किया।
*शिक्षकों के ट्रेनिंग की व्यवस्था करना समग्र शिक्षा का सराहनीय कार्य*
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने शिक्षकों की भर्तियों एवं प्रशिक्षण पर अपनी प्रेजेंटेशन दी। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए कदम उठा रही हैं। टीजीटी और जेबीटी शिक्षकों की बैचवाइज भर्तियां हाल में विभाग में पूरी कर दी गई हैं, जिनके लिए इंडक्शन ट्रेनिंग भी समग्र शिक्षा द्वारा कराए गई, समग्र शिक्षा का यह बेहतरीन प्रयास रहा। उन्होंने समग्र शिक्षा से आगे भी तरह की इंडक्शन ट्रेनिंग बैचवाइज शिक्षकों के लिए कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को समय समय पर ट्रेनिंग ऑनलाइन और वर्चुअल माध्यम से भी दी जा सकती है ताकि स्कूलों में पढ़ाई भी निर्बाध रूप से चले।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर (रिटा) विशाल शर्मा ने स्कूलों की रैंकिंग और एक्रिडेशन पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा बोर्ड शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने जा रहा है। इसके लिए ट्रेनर तैयार कर लिए गए हैं। बोर्ड सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग जल्द ही शुरू करेगा।
हिप्पा के अतिरिक्त निदेशक प्रशांत सरकैक ने प्रतिभागियों द्वारा गुगल फार्म पर दिए सुझावों पर प्रजेंटेशन दी। समग्र शिक्षा में क्वालिटी एजुकेशन की कोर्डिनेटर डा. मंजुला शर्मा ने कहा कि तीन दिन की इस कार्य़शाला में शिक्षा की गुणवत्ता से संबंधित हर पहलुओं पर चर्चा की गई है। इसमें आए सुझावों का मसौदा शिक्षा सचिव को सौंपा जाएगा।



