निगम -बोर्ड में रिक्त पड़े पदों को भरने के बजाए समाप्त करने के आदेशों पर सरकार करे पुनर्विचार

हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने प्रदेश सरकार के वित्त विभाग द्वारा 2 वर्षों से हर विभाग व निगम -बोर्ड में रिक्त पड़े पदों को भरने के बजाए समाप्त करने के आदेशों पर सरकार द्वारा पुनर्विचार करने की मांग की है।
एनजीओ फेडरेशन के राज्य उपाध्यक्ष एवं जलशक्ति विभाग एनजीओ के प्रदेशाध्यक्ष एल डी चौहान ने कहा कि सृजित पदों को खत्म करने का निर्णय सही नही है बल्कि सरकार 2 वर्ष से रिक्त पदों को तुरंत भरे जाने के आदेश देने चाहिए थे क्योंकि अगर ये पद 2 वर्षों से रिक्त है तो वो सरकार द्वारा इन्हें भरे जाने हेतु स्वीकृति न देने की वजह से है। सरकार के इस निर्णय से जहां विभागों में कार्यों की गति कम होगी एवं जो कर्मी कार्यरत है उन्ही पर अतिरिक्त कार्य का बोझ पड़ेगा वही उन बेरोजगार शिक्षित युवाओं की उमीदों पर भी पानी फिर जाएगा जो सरकारी नौकरी हेतु तैयारी कर रहे है। चौहान ने कहा कि हर विभाग में अधिकारियों के कई गुणा पद सृजित किये गए है और उनको रिक्त होते ही भरा भी जाता है जबकि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के पद सृजित नही होते बल्कि जो सृजित है उनको समय रहते भरा नही जाता या वर्तमान अधिसूचना की तरह पदों को खत्म करने के फरमान जारी किए जाते है जो कि अफसरशाही की निम्न व मध्यमवर्गीय श्रेणी के प्रति नकारात्मक दृष्टि को दर्शाता है।
चौहान ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग रखी कि पदों को खत्म करने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए, अफसरशाही के ऐसे निर्णयों की वजह से सरकार की छवि ख़राब होगी और यदि वितीय स्तिथि को दुरुस्त करने हेतु निर्णय लेना ही है तो अधिकारियों के पदों को तुरंत मर्ज व समाप्त किया जाए, क्योंकि कोई भी कार्य ग्राउंड से तैयार होकर आता है और एक काम या फ़ाइल को चेक करने के लिए कई अधिकारियों को बैठाया जाता है जो कि प्रदेश पर वितीय बोझ का कारण है


