ग्रीन कैम्पस – वेस्ट टू वेल्थ’ पर बात

डॉक्टर मीना शर्मा, राजकीय कन्या महाविद्यालय, शिमला की एक कॉलेज शिक्षिका ने अपने प्रोजेक्ट ‘ग्रीन कैम्पस – वेस्ट टू वेल्थ’ पर बात की। वह अर्थजस्ट इकोसिस्टम्स द्वारा हिमाचल प्रदेश प्रदेश काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (HIMCOSTE) के सहयोग से आयोजित कोहोर्ट 2 संचार सत्र के तहत बोल रही थीं। हर शनिवार शाम 6 बजे सितंबर और अक्टूबर में तीन शिक्षक अपने प्रोजेक्ट की प्रगति साझा करते हैं।
सतत शिक्षक समुदाय (Satat Shikshak Samudaya) 2022 में एक सतत विकास की संजीवनी देने और शिक्षा क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी चैंपियनों का एक जीवनभर का समुदाय बनाने के लिए शुरू किया गया था। यह सामुदाय अब हिमाचल प्रदेश के 8 जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 34 शिक्षकों का समुदाय बन चुका है। सतत (SATAT) एक कार्यक्रम है जो स्थिरता और जलवायु कार्रवाई पर केंद्रित है, जिसे शिक्षा में परिवर्तन लाने और हिमाचल प्रदेश में स्थिरता की परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है|
डॉ o मीना शर्मा ने अपने छात्रों, शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ की मदद से 35 किलोग्राम से अधिक सिंगल-यूज प्लास्टिक पैकेट्स एकत्र किए, जिन्हें नगर निगम को सौंप दिया गया। इस पहल से आरकेएमवी को 2400 रुपये प्राप्त हुए। अपनी इस मुहिम को जारी रखने के संकल्प के साथ, उन्होंने अक्टूबर तक 50 किलोग्राम प्लास्टिक एकत्र कर नगर निगम को सौंपने की शपथ ली है। डॉ o मीना का उद्देश्य समुदाय में मानसिकता में बदलाव लाना है, और वह स्वयं से समाज तक की यात्रा में निरंतर आगे बढ़ रही हैं।
प्रस्तुति के दौरान, विशेष सचिव, हिमाचल प्रदेश सरकार, डीसी राणा ने सिंगल-यूज प्लास्टिक पाउच को सावधानीपूर्वक काटने के महत्व पर जोर दिया, जिससे इसके पुनर्चक्रण की क्षमता बढ़ाई जा सके। उन्होंने सतत विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता के महत्व को रेखांकित किया।
सत्र में शामिल होने या शिक्षकों के अगले बैच में जुड़ने के लिए हमें ajustearth@gmail.com पर लिखें।




