अलर्ट: सतर्क रहे “ रेबीज से “

आज प्रशिक्षण केंद्र घनाहट्टी में विश्व रेबीज दिवस मनाया गया इस वर्ष का थीम है *ब्रेकिंग रेबीज बाउंडरीज”* यह दर्शाता है कि वन हेल्थ केवल चुनिंदा लोगों के लिए नहीं है, बल्कि सभी के लिए है। दुनिया के पास टीके, दवाएं, उपकरण और तकनीक हैं जो इस पुरानी बीमारी के चक्र को तोड़ने के लिए पर्याप्त हैं। यह प्रशिक्षण कार्यशाला उपनिदेशक डा नीरज मोहन की अध्यक्षता में हुई जिसमें सहायक निदेशक प्रसार डा जोगिंदर वर्मा,सहायक निदेशक डाअमित अत्री,वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा मधुर गुप्ता डा ऋषभ, डा ऐश्वर्या, ने अपने विचार रखे l
डा मधुर गुप्ता वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी धामी ने कहा की
हमें रेबीज के बारे में जागरूकता फैलाने और टीकाकरण को बढ़ावा देने की जरूरत है।
यह हमारे हाथ में है कि हम रेबीज को खत्म करें और एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण करें।
रेबीज को खत्म करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे।. वन हेल्थ अप्रोच से हम रेबीज के खिलाफ लड़ाई में सफल हो सकते हैं।. टीकाकरण और जागरूकता ही रेबीज के खिलाफ सबसे अच्छे हथियार हैं। हमें अपने आसपास के जानवरों को भी टीका लगवाने की जरूरत है।
सहायक निदेशक डा अमित अत्री ने कहा की हम रेबीज को जड़ से खत्म करके हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम रेबीज के बारे में लोगों को जागरूक करें।वन हेल्थ अप्रोच से हम रेबीज के अलावा अन्य बीमारियों को भी खत्म कर सकते हैं।उन्होंने कहा की हमें अपने बच्चों को रेबीज के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है।. रेबीज को खत्म करने से हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
डा ऐश्वर्या पशु चिकित्सक पशु चिकित्सालय दाड़गी ने रेबीज (Rabies) की रोकथाम के उपाय के बारे में बताया l
*रेबीज से बचाव के तरीके:*
1. पालतू जानवरों का टीकाकरण: अपने पालतू जानवरों को रेबीज का टीका लगवाएं।
2. जानवरों से सावधानी: अज्ञात जानवरों से दूर रहें, खासकर जो जानवर भौंकते या गुर्राते हैं।
3. हाथ धोएं: जानवरों के संपर्क में आने के बाद हाथ धोएं।
4. घाव की देखभाल: यदि जानवर ने काट लिया है, तो घाव को अच्छी तरह से धोएं और प्राथमिक उपचार करें।
डा ऐश्वर्या ने कहा की विश्व में 70000 तथा भारत में 20000 मौतें हर वर्ष रेबीज से होती है जिसमें से 99% कुत्ते के काटने से होती हैं उन्होंने
*रेबीज के लक्षण:* के बारे में विस्तृत जानकारी दी
1. जानवर का भौंकना या गुर्राना
2. जानवर का अजीब व्यवहार
3. जानवर का लार टपकना
4. जानवर का चलने में परेशानी यह जानवर में रेबीज के लक्षण है l ऐसी स्थिति में तुरंत निकटतम पशु चिकित्सक से संपर्क करें
डा ऋषभ पशु चिकत्सक पशु चिकित्सालय सुन्नी ने
*रेबीज का इलाज:* के बारे में बताया उन्होंने बताया कुत्ते के काटने पर
1. टीकाकरण: रेबीज का टीका लगवाएं।
2. इम्युनोग्लोबुलिन: रेबीज के वायरस से लड़ने के लिए इम्युनोग्लोबुलिन दिया जाता है।
3. अस्पताल में भर्ती: गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
डा नीरज मोहन उप निदेशक पशु स्वास्थ्य तथा प्रजन्न ने
*रेबीज की रोकथाम के लिए सरकारी पहल:* के बारे में बताया
1. रेबीज टीकाकरण अभियान जिसमें अगले 15 दिन तक कुत्तों को रेबीज के टीके मुफ्त लगाए जायेंगे l
2. जानवरों का पंजीकरण अवश्य करवाएं ताकि योजना बनाते समय विभाग के पास सटीक जानकारी हो
3. कुत्ते के काटने पर जानवरों की निगरानी करे निकटम पशु चिकित्सक को बुलाएं l
4. विभाग द्वारा समय समय पर जागरूकता अभियान चलाएं जा रहें हैं l जिसके माध्यम से आवश्यक जानकारी सभी तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है l 2030 तक भारत को रेबीज मुक्त देश बनाने के लिए विभाग के प्रयास जारी है जिसके लिए सभी का सहयोग चाहिए l
रेबीज एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसकी रोकथाम संभव है। सावधानी और जागरूकता से हम रेबीज को रोक सकते हैं।
समाज सेवक और जनप्रतिनिधि श्री चंद्र शेखर जी ने इस मौके पर उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा की इस बीमारी से पशुओं और आम जनमानस को बचाने के लिए जन प्रतिनिधि विभाग के साथ खड़े है ताकि आने वाले समय में देश रेबीज मुक्त हो सके l उन्होंने उपनिदेशक महोदय का प्रशिक्षण केंद्र घनाहट्टी में कार्यशाला के आयोजन के लिए धन्यवाद किया उनके साथ पशु प्रेमी संगठन तथा गौशाला टूटू के संचालक ललित जी तथा पंचायत घनाहट्टी के उपप्रधान देवेंद्र कुमार,
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से बच्चे , गैर सरकारी संगठनों के सदस्य , पशु पालक आदि उपस्थित रहे l



