हिमाचल में आयुर्वेद को और मज़बूती देने की तैयारी
राज्य आयुर्वेद एवम् यूनानी बोर्ड की बैठक 11 सितम्बर को शिमला मे आयोजित- डॉक्टर दिनेश कुमार सदस्य बोर्ड

हिमाचल प्रदेश राज्य आयुर्वेद एवं यूनानी बोर्ड की मीटिंग बोर्ड के पदेन अध्यक्ष निदेशक आयुष की अध्यक्षता मे 11 सितम्बर को आयुष निदेशालय शिमला मे आयोजित की गई है और मीटिंग का एजेण्डा भी प्राप्त हो गया है, यह जानकारी बोर्ड के सदस्य डॉक्टर दिनेश कुमार ने दी जो पूर्व मे कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार मे दो बार लगभग दस वर्ष बोर्ड के रजिस्ट्रार के तौर पर भी कार्य कर चुके है और जिला चम्बा से जिला आयुष अधिकारी के पद पर कार्य करने उपरांत सेवानिवृत्त हुए है। उन्होंने बताया कि इस बोर्ड मे लगभग 7500 आयुर्वैदिक एवम् यूनानी चिकित्सक पार्ट एक,दो व तीन के अन्तर्गत वर्तमान मे पंजीकृत चिकित्सक के तौर पर सरकारी, प्राइवेट व निजि चिकित्सा व्यवसाय के क्षेत्र मे सेवारत है और लगभग 6500 आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट सूचीबद्ध है। बोर्ड के रजिस्ट्रार के तौर पर उन्होंने प्रत्येक जिले मे आयुर्वेद व युनानी चिकित्सकों के लिए कन्टिन्यूड मैडीकल ऐजुकेशन प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाए है, उन्हे पुन: आरम्भ करने के बारे मे बोर्ड मे प्रस्ताव लाएंगे और आयुर्वैदिक फार्मासिस्ट के लिए भी स्किल डवलपमेंट के कार्य क्रम आयोजित करने पर बल देगे ताकि घर-द्वार तक स्वास्थ्य कार्य क्रम पहुंचाने कि प्रदेश सरकार के उर्जावान मुख्य मन्त्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू व आयुष मन्त्री श्री यादवेन्दर गोमा की सकारात्मक सोच को अंजाम देने मे आयुष चिकित्सक व फार्मासिस्ट अपना योगदान दे पाए । उन्होने बताया कि वर्तमान परिदृश्य मे आयुर्वेद एवं यूनानी बोर्ड मे केवल जिला शिमला,कांगडा, ऊना व चम्बा को ही प्रतिनिधित्व मिला है और वह बोर्ड की मीटिंग मे व सरकार से भी आग्रह करेंगे कि शेष रहे आठ जिलों से भी बोर्ड सदस्य नामित हो ताकि हर जिला का उचित प्रतिनिधित्व बोर्ड मे बने इसके अतिरिक्त बोर्ड मे खाली पड़े हुए पद प्रमुखता के आधार पर भरे जाने की भी बात रखेंगे और बोर्ड को आर्थिक रूप से संबल बनाने के लिए सुझाव व प्रस्ताव पर भी चर्चा बैठक मे करेंगे


