हैरत : चिकित्सकों की माँगें ठंडे बस्ते में
हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक डॉ राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई

हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक डॉ राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई इस बैठक में संघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्यों एवम संघ की जिला कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने ने भाग लिया।

संघ की बैठक माननीय मुख्यमंत्री महोदय से 13 फरवरी को शिमला में आयोजित की गई थी इस बैठक में माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य निदेशक को निर्देश दिए थे कि भविष्य में चिकित्सकों का सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार नहीं किया जाए लेकिन इस संदर्भ में हाल ही में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशों को दरकिनार करते हुए सेवा विस्तार दे दिया गया।
वर्ष 2023 में भी प्रदेश में बरसात के मौसम में आपदा ने दस्तक दी थी। उस समय भी प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में चिकित्सकों की नियुक्ति न होने के कारण चरमारा गई थी। जो उपचार आपदा के ग्रसित मरीज को उनके घर द्वार उपलब्ध होना चाहिए था उससे वंचित रखा गया। आज भी प्रदेश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में चिकित्सकों के सैकड़ो पद रिक्त चल रहे हैं इन पदों को भरने के लिए माननीय स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य निदेशक ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया और प्रदेश की जनता को इस वर्ष भी आपदा में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से जानबूझकर वंचित रखा जा रहा है।
आपदा प्रबंधन के तहत विभिन्न मॉक ड्रिल्स तो किए गए पर असलियत में आपदा का सामना करने के लिए चिकित्सकों की कोई भी नई नियुक्ति नहीं की गई। प्रदेश में कोई भी नए चिकित्सकों को अब तक नियुक्ति नहीं दी गई। संघ माननीय मुख्यमंत्री महोदय का आभारी है कि उन्होंने युवाओं के रोजगार के लिए आश्वासन दिया और उसे कई विभागों में पूरा भी किया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उनके उद्देश्य और वादे को जनहित में स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य निदेशक ने पूरा करने का प्रयास नहीं किया ।
प्रदेश में पिछले वर्ष भी आपदा आई लेकिन नए चिकित्सकों को नियुक्ति नहीं दी गई और वही कहानी इस वर्ष भी दोहराई गई। इस संदर्भ में जहां बेहतरीन सुविधाएं देने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नागरिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है वहां से भी चिकित्सकों का तबादला प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में किया जा रहा है। जिससे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नागरिक स्वास्थ्य केदो की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होगी। इन संस्थानों में मरीज को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि यहां से चिकित्सकों का स्थानांतरण विभिन्न जगहों को किया जा रहा है। यदि समय पर विभाग चिकित्सकों की नियुक्ति कर लेता तो ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जाता पड़ता।
संघ की मान्य मुख्यमंत्री महोदय से गुजारिश है किसी आपदा के समय शीघ्र अति शीघ्र चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए ताकि प्रदेश से उत्तीर्ण हुए चिकित्सकों को रोजगार का मौका मिले और प्रदेश की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो।
आज प्रदेश बारिशों के चलते आपदाओं का सामना कर रहा है ऐसे में चिकित्सकों को नीट पीजी की परीक्षा देने के लिए प्रदेश के बाहर जाना पड़ रहा है। इस के चलते प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रहना पड़ेगा और चिकित्सकों को भी अधिक सफर तय करके अन्य राज्यों में जाना पड़ेगा। इसलिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है कि प्रदेश में भी अन्य राज्यों की सरकारों की तरह नीट परीक्षा के केंद्र की उपलब्धि करवाई जाए। देश भर के विभिन्न राज्य चिकित्सकों की नीत पीजी की परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र उपलब्ध करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ऐसे में इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले चिकित्सकों का तबादला करना उनके मनोबल से सीधा खिलवाड़ करना है।
संघ ने अपनी मांगे हमेशा ही माननीय मुख्यमंत्री महोदय के सामने रखी है और उनके आश्वासन के बाद भी धरातल में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस संदर्भ में चिकित्सकों ने पहले भी संघर्ष का रास्ता अपनाया था लेकिन प्रदेश की जनता के हित में और माननीय मुख्यमंत्री महोदय के वचनों का सम्मान करते हुए उसे वापस ले लिया था। लेकिन वार्ता के बाद तीन माह बीत जाने के बाद भी अब तक चिकित्सकों की मांगों के संदर्भ में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय से हुई संघ की वार्ता के समय विभिन्न कमेटी का गठन करना था जो कि अब तक नहीं किया गया है और चिकित्सकों की मांगों की तरफ स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य निदेशक ने कोई भी ध्यान नहीं दिया है। इस संदर्भ में संघ शीघ्र अपनी मांगों को माननीय मुख्यमंत्री महोदय और माननीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय के समक्ष रखेगा और प्रदेश की जनता के स्वास्थ के साथ हो रहे अन्याय के बारे में अवगत कराएगा।



