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भारत सोका गाक्काई सेमिनार समग्र स्वास्थ्य के लिएआंतरिक कल्याण की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है

नई दिल्ली, भारत; 14 जुलाई:

प्रतिरोधक और उपचारात्मक चिकित्सादोनों में, वर्तमान प्रवृत्ति एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की है, जो उपचारप्रक्रिया में मन तथा शरीर के संबंध के महत्व पर बल देती हैइस परप्रकाश डालते हुए, भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) ने चौथे बीएसजीऑल इंडिया हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स सेमिनार, दवाई से परे: संपूर्णस्वास्थ्य के लिए आंतरिक कल्याण का संवर्धनका आयोजन कियासेमिनार में कल्याण की वर्तमान धारणा पर ध्यान केंद्रित किया गया औरस्वास्थ्य देखभाल के लिए व्यापक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मानवीयमूल्यों की भूमिका पर जोर दिया गया

तीन प्रतिष्ठित वक्ताओं ने इस गोष्ठी में भाग लियाडॉ. मैथ्यूवर्गीस, सेंटस्टीफंस हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक्स के प्रमुख तथा सेंट स्टीफंस हॉस्पिटलके पूर्व निदेशक, सुजय संत्रा, आई क्योर टेक सॉफ्ट के संस्थापक औरसीईओ, और डॉ. परवीन भाटिया, वरिष्ठ सलाह कार, सर्जन सर गंगा रामअस्पताल में लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक बेरिएट्रिक सर्जरीउन्होंने समग्रस्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिसमेंचिकित्सा पद्धति में करुणा, सहानुभूति, स्वायत्तता के लिए सम्मान औरसार्थक संबंधों के एकीकरण पर जोर दिया गया

अपने उद्घाटन भाषण में, बीएसजी राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रभारी, सुश्रीजया राव ने स्वास्थ्य सेवा के लिए अधिक मानवतावादी दृष्टिकोण कोबढ़ावा देने के लिए भारत सोका गाक्काई की प्रतिबद्धता की पुष्टि की

डॉ. मैथ्यूवर्गीस ने इस मुद्दे को संबोधित करते हुए टिप्पणी की, “आधुनिकचिकित्सा पद्धति अपेक्षाकृत एक नया विज्ञान हैजैविक प्रणालियों औरसेलुलर क्रियाकलापों के बारे में हमारी समझ, चाहे कितनी भी उन्नत क्योंहो, अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में हैवैज्ञानिक ज्ञान औरकंप्यूटिंग में तेजी से प्रगति हुई है जिस कारण इन प्रणालियों औरप्रक्रियाओं के विकास में जो प्रगति आयी है वो एक दशक पहलेअकल्पनीय थीं, हालाँकि, 4.5 मिलियन वर्षों के विकास के बावजूद, एकव्यक्ति और एक सामाजिक प्रणाली के रूप में मनुष्य कहाँ है? विकासवादी जीव वैज्ञानिक होमो सेपियन्स के विकास के बारे में बात करते हैं, लेकिन क्या हम विकसित हुए हैं? हमारा वर्तमान व्यवहार मानव जाति केभविष्य को क्या आकार दे रहा है?”

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अंतिम छोर तक पहुंचने की आवश्यकता पर बल देते हुए, सुजय संत्रा नेकहा, “भारत सोका गाक्काईअथक रूप से शांति, संस्कृति और शिक्षा कोबढ़ावा दे रही है, जबकि I Kure नवाचार और आर्टीफिशल इंटेलिजेंस(एआई) के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और परिणामों में क्रांतिकारीबदलाव लाने, समुदायों को सशक्त बनाने के लिए मिशन रत है ताकि कोईभी व्यक्ति इससे वंचितरहे।” आंतरिक शांति बाह्य स्वास्थ्य को मजबूतबनती है , आइए हम सब एक साथ मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माणकरें जहां कल्याण की भावना शारीरिक स्वास्थ्य से ऊपर हो; जहाँ मन औरमस्तिस्क का समावेश हो , कुछ ऐसी स्वास्थ्य सेवाओं का निर्माण करें

डॉ. परवीन भाटिया ने रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ उन्नत चिकित्साप्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के महत्व पर चर्चा करते हुए एक औरआयाम जोड़ाउन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यदि रोबोटिक सर्जरीऔर अन्य नवाचारों को आंतरिक कल्याण और समग्र स्वास्थ्य पर ध्यानदेने के साथ जोड़ दिया जाए , तो रोगी का इलाज कहीं और अधिक बेहतरहोगा

अपने समापन भाषण में, बीएसजी के अध्यक्ष श्री विशेष गुप्ता ने कहा, मानवीय मूल्यों को विकसित करने से हमारे भीतर जीवन शक्ति मजबूतहोती है, जो बीमारी से लड़ने में मदद करती है तथा पूर्ण रूप से स्वस्थ्बनती है

सेमिनार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी कर्मियों में अपने और अपनेरोगियों के भीतर आंतरिक कल्याण की भावना उत्पन्न करने के लिए प्रेरितकरना थामानवीय मूल्यों को अपनाने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देनेवाली प्रथाओं को शामिल कर, हम एक अधिक रोगी केंद्रित एवं टिकाऊस्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण कर सकते है

ारत सोका गाक्काई के बारे में:

भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) सभी के लिए खुशी और शांति कोबढ़ावा देने वाली एक संस्था है। बीएसजी शांति ,संस्कृति,शिक्षा औरसतत एवं स्थायी विकास से सम्बंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजनकरती है। इन गतिविधियों का उद्देश्य है, भारत में एक नये युग कानिर्माण करना ,जहाँ सभी प्रकार के जीवन को सम्मान मिले। बीएसजी मेंसभी आयु वर्ग के 2,75,000 से अधिक स्वैच्छिक सदस्य हैं, जो भारत के600 कस्बों और शहरों में रहते हैं 2030 तक एक टिकाऊ युग का निर्माण करने के लिए बीएसजी ने 2021 में ‘बी एस जी फॉर एस डी जी’ नामक पहल की शुरुआत की।इस पहल का आदर्श वाक्य था : 2030 की ओर :सतत मानव व्यवहार के माध्यम से एस डी जी को हासिल करनाइस पहल के तहत बीएसजी कई गतिविधियां चला रही है। ताकि स्थिरता की संस्कृति के निर्माण में आम आदमी की भूमिका के प्रति जागरुकता फैलायी जा सके तथा एक ऐसी दुनिया का निर्माण किया जा सके जहाँ कोई भी पीछे न रह जाये।

Deepika Sharma

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