असर विशेष :जब जले चेहरे के साथ उसने थामा हाथ और बनी दुल्हन ..…
पढ़िए कौशल्या की आपबीती, अब है एक बच्चे की माता

कहते है की सीरत अच्छी हो तो सूरत नहीं देखी जाती, लेकिन मामला यदि विवाह का हो तो सबसे पहले शकल सूरत देखे बिना परिवार भी नहीं रहता। लेकिन शिमला में इस ओर कुछ और ही वाक़या देखने में आया है।

शिमला में एक कायना नाम की जगह है। उधर एक नवदंपत्ति रहता है। यदि आप उस महिला से मिलोगे तो उसके जीवन की कहानी सुनकर आपका विश्वास भी सूरत के ऊपर से उठ जाएगा। उक्त महिला का नाम कौशल्या है। कौशल्या की आपबीती सुने तो जब वह बहुत छोटी थी तो वह जलते चूल्हे में चली गई जिससे उसका सारा चेहरा ख़राब हो गया। डॉक्टर कहते थे कि इसे बचाना मुश्किल है लेकिन कौशल्या बच तो गई लेकिन चेहरा बुरी तरह ख़राब हो गया। बहुत इलाज चला।

सामाज के प्रति शर्म और स्वास्थ्य ख़राब होने की वजह से वह पाँचवी पास ही कर पाई। जब विवाह की बात सामने आई तो उसके जले चेहरे को लेकर विवाह होने में कई दिक्कते पेश आई लेकिन उसे क्या मालूम था कि कोई एसा व्यक्ति भी उसे मिलेगा की उसकी सूरत नहीं सीरत देखेगा और उसका जीवनसाथी बनेगा।
उसका कहना है कि उसके पति राजेंद्र ने जब उसे पहली बार देखा तो उसे लगा की वो शादी से इंकार कर देगा लेकिन एसा नहीं हुआ और उसने हाँ कर दी।
असर न्यूज़ ने इस बाबत कौशल्या के पति राजेंद्र से भी बात की। उसका कहना है कि वह मिस्त्रि का काम करता है । उसने सोचा कि कहा कि शकल में क्या रखा है।और विवाह कर लिया। वराजेंद्र के माता पिता शादी होने से पहले ही मर गये थे।इनके विवाह की मिसाल सारे गाँवँ वाले भी देते हैl

कौशलिया का कहना है कि वह जब अपने पति से विवाह का कारण पूछती है तो वह शकल को कम तवज्जो देने के बारे में कहते है । राजेंद्र का कहना है कि उसका रिश्ता उसकी चाची ने लगवाया है। जिस पर उसकी पूर्ण सहमति थी। अब उसके एक बेटा भी है। वह बिलकुल स्वस्थ है।
राजेंद्र का कहना है कि कभी उसके रिश्तीदारों ने भी कभी जली हुई कौशल्या को लेकर अपशब्द नहीं बोले ।
वह लोगों को यही संदेश चाहते हैं कि सूरत में कुछ नहीं छिपा सीरत देखें तो आपका जीवन ख़ुश मय और आनन्दमय बीत सकता है। मुश्किलें आती है लेकिन यदि मन साफ़ हो तो हर काम सफल होता है।

