EXCLUSIVE: हिमाचल के जनऔषधि केंद्र ख़तरे में
थोक दवा व्यापारियों से ली गई दवाओं के पैसों की अदायगी नहीं कर पा रही सरकार

हिमाचल में जनऔषधि केंद्र ख़तरे में है। जानकारी मिली है कि सरकार द्वारा जनऔषधि केंद्रों के लिए दवाओं की ख़रीददारी तो की गई लेकिन थोक दवा विक्रेताओं के लंबित राशि की अदायगी सरकार नहीं कर पाई है । क़रीब करोड़ों रुपयों का उधार सरकार पर है।
अब एसे में परेशानी दवाओं के थोक व्यापारियों के लिए भी खूब हो गई है। एक तरफ़ सिविल सप्लाई, मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूटर्स से 25 हज़ार की सिक्योरिटी माँग रही है उधर जन औषधि केंद्रों के लिए मेडिसिन डिस्रीब्यूटर्स की बकाया राशि की अदायगी अभी तक सरकार नहीं कर पाई है।
आख़िर इसका क्या कारण रहा है की सरकार इन करोड़ों की लंबित राशि अदायगी क्यों नहीं कर पाई लेकिन ये तो साफ़ है कि यदि एसा ही चलता रहा तो जनऔषधि केंद्रों में दवाएँ उपलब्ध होना और मुश्किल हो जाएगा।
ऐसा इसलिए है क्योंकि जब मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूटर्स को उनके पैसो की अदायगी नहीं हो पाएगी तो जन औषधि केंद्रों को दवाएँ कौन देगा? बताया जा रहा है कि शिमला में जन औषधि केंद्रों के हालात काफ़ी बदतर है। उक्त क्षेत्रों में संबंधित थोक दवा विक्रेताओं की कई लाखों की राशि लंबे समय से नहीं मिल पाई है। वहीं केंद्रों में कई दवाएँ भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। मरीज़ों का कहना है कि कई बार वह संबंधित केंद्रों में जाते हैं और उन्हें पूरी दवाई नहीं मिल पा रही है
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क्या कहते हैं ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष
ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसिसिएशन के अध्यक्ष संजीव पंडित का कहना है कि जन औषधि केंद्रों में थोक दवा विक्रेताओं की बकाया राशि की अदायगी सरकार लंबे समय से नहीं कर पाई है। सरकार से आग्रह है कि ये अदायगी जल्द की जाय जिससे जन औषधिकेंद्र भी सुचारु रूप से चल सके



