आख़िर क्यों लिया विधायक निधि बंद करने का फैसला?
प्रदेशवासियों को परेशान करने के लिए सरकार ने किया विधायक निधि बंद करने का फ़ैसला : जयराम ठाकुर

आपदा के समय लोगों तुरंत राहत प्रदान करने में काम आती
शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों की विधायक निधि रोकने का फ़ैसला सिर्फ़ प्रदेश के लोगों को परेशान करने के लिए किया गया है। सरकार ख़ुद कुछ कर नहीं रही है इसलिए वह चाहती है कि विधायकों को भी कुछ करने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि विधायक निधि से हर विधायक अपने विधान सभा क्षेत्र में अत्यावश्यक विकास कार्यों को करने के लिए धनराशि जारी करते थे, जिससे बहुत से जनहित के कार्य समय पर संपन्न हो जाते थे और लोगों को बहुत राहत मिलती थी। सड़के, रिटेंशन वॉल, ब्रिज, जल निकासी, जैसे न जाने कितने विकास कार्यों को बिना लंबी काग़ज़ी प्रक्रिया के व्यापक जनहित को देखते हुए तुरंत किया जा सकता है। लेकिन राज्य सरकार ने विधायक निधि को रोककर जनप्रतिनिधियों को विकास के कार्य करने से रोक रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है। इतने दिनों बाद भी सरकार लोगों को राहत पहुंचाने में नाकाम रही है। लोग चीख-चीख कर यह बातें आज मंत्रियों के सामने कह रहे हैं। ऐसे में विधायक निधि के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के विकास से जुड़े कामों को आसानी से करवाया जा सकता था। इससे लोगों को आपदा के समय में तुरंत राहत मिलती। उन्होंने कहा कि अब मनमानी बहुत हो गई। जो मन में आया, बिना सोचे विचारे करने के लिए हिमाचल के लोगों ने कांग्रेस को सत्ता नहीं सौंपी है। लोगों ने कांग्रेस को मौक़ा दिया था कि वह बेहतर काम करे। विकास करे। लेकिन यह सरकार लोगों की अपेक्षाओं के विपरीत काम कर रही है। जयराम ठाकुर ने मांग की कि सरकार दो दिनों के अंदर विधायक निधि का रुका हुआ पैसा जारी करे।




