EXCLUSIVE: कुष्ठ कॉलोनी के हेल्थ कैम्प पर सवाल
कुष्ठ रोगी को हुआ दमा पर दवा के लिए लगाने पड़े चक्कर ,कुष्ठ कॉलोनी में ये कैसा लगा हेल्थ कैम्प, नहीं मिल पाई दमे की दवा

बेबस कुष्ठ रोगियों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में आवास की सुविधा तो दे दी लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर बड़ा सवाल खड़ा होने लगा । ये सवाल उठाया है उसी आवास में रहनेवाले एक व्यक्ति ने। राधा मोहन का कहना है की वहाँ नाम के लिए एक हेल्थ कैम्प आयोजित होता है लेकिन यदि व्यक्ति कोई रोग गंभीर हो तो उसे दवा के किए शिमला के अस्पतालों और केमिस्ट के चक्कर काटने पड़ते है।
मरीज़ ने सवाल उठाय कि उस हेल्थ कैम्प के आयोजन का क्या जो मरीज़ को इलाज की दिशा ही ना दिखा पाय और न ही उसे उसकी बीमारी से राहत दिलवा पाए

एसा ही उसके साथ भी हुआ है। जब उसने कैम्प में आये डॉक्टर को कहा तो संबंधित डॉक्टर ने कहा ये दवा उसे इधर नहीं मिलेगी। मरीज़ का कहना है कि फिर उनके लिए आयोजित कैम्प क्यों आयोजित किया जाय जब इधर मर्ज् की दवा ही नहीं मिल पाती है।
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भीख़ माँग कर ली दवाएँ
मरीज़ का कहना है की उसका सांस फूल रही थी। उसे खांसी थी। वह दमा का मरीज़ है। उसके बाद वह केमिस्ट के पास गया जहां उसने भीख माँगने के बाद जो पैसे इकट्ठे किए थे उसकी दवाई ख़रीदी।
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केदारनाथ से पहुँचा शिमला
राधा मोहन मरीज़ केदारनाथ का रहने वाला है।जब उसे कुष्ठ हुआ तो उसे गाँव से निकाल दिया। जिसके बाद वह काम की तलाश में शिमला आ गया। अब वह शिमला के क़ालिबाडी मंदिर के बाहर भीख माँगता है।

