इससे बड़ी लापरवाही की बात आखिर क्या हो सकती है कि शिमला में हर दिन कई हादसे हो रहे हैं । और अभी भी कई जगहों पर ऐसी लापरवाही देखने में आ रही है जो कानून व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ी करती दिखती है।

ऐसा ही एक मामला शिमला के उपनगर टूटू में देखने में आया है। जहां पर निजी बसें उस जगह खड़ी हो रही है जहां पर खूब भूस्खलन हुआ है । हैरानी तो इस बात की भी है कि उक्त क्षेत्र पर पुलिस प्रशासन मौजूद रहता है। लेकिन चौक पर खड़े पुलिस प्रशासन के किसी भी सदस्य ने भूस्खलन वाले क्षेत्र में खड़ी बसों को रोकने की मनाही नहीं की।
यदि प्रशासन ने इस पर नजर नहीं डाली तो यहां पर कभी भी जान का नुकसान भी हो सकता है। अक्सर देखा जा रहा है कि निजी बस वाले यहां पर काफी समय तक बसें खड़ी कर देते हैं और खुद बस से उतर कर इधर-उधर रहे टहलने निकल जाते हैं लेकिन बस उस जगह खड़ी की जाती है जहां पर कच्ची मिट्टी है और वहीं पर भूस्खलन हुआ है।
स्थानीय जनता ने प्रशासन से आग्रह किया है कि यहां पर काफी समय तक निजी बसें और
अन्य गाड़ियां खड़ी ना रखी जाए कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसकी व्यवस्था दुरुस्त की जाए। इसे लेकर निजी बस मालिकों को भी सतर्क रहना चाहिए कि वह अपनी गाड़ियां उक्त क्षेत्रों पर खड़ी ना रखें जहां पर जान और माल दोनों का खतरा है। इसे लेकर प्रशासन को भी एक रास्ता निकालना चाहिए कि यहां पर उक्त क्षेत्र में गाड़ियां खड़ी की जाए जहां पर पक्की सड़क है। गौर हो की टूटू चौक का रेन शेल्टर कभी भी गिर सकता है
बॉक्स
यह भी हैरान कर देने वाला
जिस जगह धंस रही सड़क , उसके पत्थर भी हटा दिए। गए
टूटू की सड़कों में यह भी देखने में आ रहा है कि जिस जगह सड़क धंस रही है वहीं पर पहले पत्थर लगाए गए थे लेकिन अब उन पथरों को भी हटा दिया गया है। लिहाजा इन पथरों के हटाए जाने के कारण गाड़ियां उक्त क्षेत्र पर जा सकती है जो जगह खतरे से खाली नहीं है।
