जानें, खाद्यान्न का मुफ्त वितरण”है क्या?

पत्र सूचना कार्यालय शिमला द्वारा “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत खाद्यान्न का मुफ्त वितरण” पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया।
निदेशक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, शिमला के.सी. चमन और डॉ राजेश गुलिया, महाप्रबंधक, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), शिमला ने वेबिनार को संबोधित किया।
निदेशक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, शिमला के.सी. चमन ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश में उत्पन्न आर्थिक अस्थिरता को देखते हुए गरीब वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में फिर से 5 किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रति माह निःशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले 5 महीने (जुलाई से नवंबर), 2021 के लिए बढ़ा दिया गया है, जिसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के 7,04,587 राशन कार्ड धारकों के बीच वितरित किया जा रहा है, जिनकी जनसंख्या 28,70,256 है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में गरीबों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) का एक हिस्सा है। शुरुआत में इसे तीन महीने की अवधि (अप्रैल, मई और जून 2020) के लिए घोषित किया गया था, जिसमें 80 करोड़ राशन कार्डधारक शामिल थे। बाद में इसे नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया। हालांकि, अप्रैल 2021 में सरकार ने पीएमजीकेएवाई को फिर से शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।
दोनों वक्ताओं ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की प्रमुख पहल पर प्रकाश डाला और हिमाचल प्रदेश राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को गेहूं, चावल और चना दाल सहित खाद्यान्न के मुफ्त वितरण के बारे में बताया।
प्रमुख वक्ताओं ने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय खाद्य निगम दोनों अपनी व्यवस्था में तालमेल बिठाते हुए खाद्यान्न के मुफ्त वितरण के लिए एकजुट होकर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य भर में विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज, आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों में लाभार्थियों के बीच सामान वितरण के लिए कम से कम दो महीने की अग्रिम खरीद के साथ खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
वक्ताओं ने सर्वसम्मति से सूचित किया कि लक्षित और सूचीबद्ध लाभार्थियों के बीच खाद्यान्न के वितरण में खामियों, यदि कोई हो, को दूर करने के लिए एक मजबूत जन शिकायत निवारण तंत्र और प्रभावी निगरानी प्रणाली है।
वेबिनार में संयुक्त निदेशक, डीआईपीआर, प्रदीप कुंवर; फील्ड प्रदर्शनी अधिकारी, फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), शिमला अनिल दत्त और हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और जालंधर में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कई अधिकारी और आरकेएमवी कॉलेज, शिमला के कई छात्रों ने प्रतिभाग किया |
प्रश्न उत्तर सत्र भी आयोजित किया गया और दोनों प्रमुख वक्ताओं ने प्रश्नों को स्पष्ट किया।
तारिक ए. राथर, उप निदेशक (एम एंड सी), पीआईबी शिमला ने स्वागत भाषण दिया और प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
हिमांशु पाठक, सहायक निदेशक (एम एंड सी), पीआईबी शिमला ने उचित तरीके से कार्यवाही का संचालन किया।
नेहा कश्यप, सीजी-2, पीआईबी शिमला ने वेबिनार का समन्वयन किया।


