खुला पत्र: अंबाला में उड़नदस्ते द्वारा जबरदस्ती 13 Kg सामान की टिकट बनाने के लिए मुझे व सवारी को धमकाया जा रहा..
मांगी जांच की मांग
जैसे कि आजकल एचआरटीसी और एचआरटीसी के उड़न दस्ते और कंडक्टर सुर्खियों में है इस बात से आम जनता भी अचंभित होगी कि यह क्या हो रहा है । मैं दीपेंद्र कंवर मीडिया प्रभारी स्टेट एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन यह बताना चाहता हूं कि
इतने समय से हम वेतन विसंगति की मांग उठा रहे हैं मुख्यमंत्री जी ने भी हमें 6 महीने का समय दिया था उप मुख्यमंत्री जी ने भी हमें 6 महीने का समय दिया था और अभी हाल ही में हमारे प्रबंध निदेशक महोदय जी ने 18 मई को सचिवालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री जी के सामने 15 दिन में वेतन विसंगति को हल करने के लिए खुद ब खुद हामी भरी थी परंतु बड़े दुख की बात है कि डेढ़ महीना गुजर जाने पर भी उस पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है ।
मैं मानता हूं कि कुछ एक कंडक्टर भाइयों ने गलत किया है और मैं स्टेट एच आर टी सी कण्डक्टर युनियन की ओर से बताना चाहता हूं कि हमारी कण्डक्टर युनियन गलत का साथ नहीं देती है गलत करने वाले को जो उचित हो वह सजा मिलनी चाहिए ।
परन्तु जरूरी नहीं है कि कण्डक्टर ही गलत है कभी कभी उड़नदस्ते के निरिक्षक भी गलती कर देते है जिसके प्रमाण में सभी ने नादौन में सवारियों द्वारा भगाए उड़नदस्ते वालो के विडीओ को सबने देखा है आज मैं आप सब को मेरे साथ अंबाला में उड़नदस्ते द्वारा जबरदस्ती 13 Kg सामान की टिकट बनाने के लिए मुझे व सवारी को धमकाया जा रहा है और फिर मेरी जबरदस्ती रिपोर्ट कर दी है जबकि HRTC की खुद की गाइडलाइन है कि सवारी के साथ 30 kg तक का सामान फ्री है । जो वस्तुएं गाइड लाइन में है हम सब उनकी टिकट है उस हिसाब से बनाते हैं परंतु जो वस्तुएं उसमें नहीं दर्शाई गई हैं और सवारी के साथ 30kg फ्री है तो हम कैसे टिकट बनाएं । जबरदस्ती की व सामान को तोलने की विडियो, व HRTC की गाइडलाइन का प्रमाण साथ में दे रहा हुं । अब अगर हम कंडक्टर इस गाइडलाइन को फॉलो करके टिकट बना रहे हैं तब भी निरीक्षकों द्वारा नाजायज तंग किया जा रहा है । ओवरलोड गाड़ी में इतनी ज्यादा सवारियों को टिकट बांटते बांटते दो ढाई किलो मीटर के अंतराल पर ही निरीक्षक तंग कर रहे हैं की गाड़ी क्लियर क्यों नहीं की अब तो बस को तब तक रोककर रखना पड़ेगा जब तक की गाड़ी क्लियर ना हो या फिर मैं तो कहता हूं कि हर रूट पर हर बस में एक इंस्पेक्टर को बिठा दिया जाए जो कंडक्टर के ऊपर पूरी नजर बनाकर रखें और कंडक्टर भी उनसे हर सामान की टिकट पूछ कर बना ले ।


