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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सामाजिक अनुभूति के माध्यम से 406 गांवों में पहुंच कर किया लोगों की समस्याओं को जानने का प्रयास – आकाश नेगी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सामाजिक अनुभूति अभियान हुआ सम्पन्न -अभाविप

 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने के नाते विद्यार्थी परिषद शिक्षा के साथ साथ सामाजिक क्षेत्र में भी अपना बहुमूल्य योगदान देता रहता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समय समय पर समाज हित के लिए भी कोई न कोई गतिविधि करता रहता है।

 

 

 

इसी कड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के कार्यकर्ता 11 मई, 2023 से हिमाचल प्रदेश में गांव गांव जाकर सामाजिक अनुभूति की है‌। उन्होंने कहा कि सामाजिक अनुभूति से तात्पर्य हम दूसरों के बारे में सोचने और समझने के तरीके से है। इस अर्थ में, यह सामाजिक संबंधों को समझने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण होगा। सामाजिक अनुभूति के माध्यम से हम दूसरों की भावनाओं, विचारों, इरादों और सामाजिक व्यवहार को समझते हैं।

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उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के संगठनात्मक 18 जिलों में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सामाजिक अनुभूति की है। इस सामाजिक अनुभूति अभियान के माध्यम से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पूरे हिमाचल प्रदेश के 406 गांवों में पहुंच कर लोगों की समस्याओं व उनके रहन- सहन, परिस्थितियों को जानने का प्रयास किया। सामाजिक अनुभूति से समाज के प्रत्येक वर्ग को जानने का अवसर मिला है।उनकी स्थितियों, परिस्थितियों व जीवन यापन को जानने का अवसर मिला।

 

 

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद केवल मात्र एक ऐसा संगठन है जो समस्या के साथ समाधान भी करती है, सामाजिक अनुभूति से जो विषय समाज से निकलकर आते हैं उन्हें विद्यार्थी परिषद उन मुद्दों को प्रशासन के समक्ष उठाने का काम करती है। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता ने गांव गांव जाकर लोगों से बातचीत की, तो उन्हें वहां की असल‌ परिस्थितियों को जानने का अवसर मिला । उनका रहन- सहन, गांव में शिक्षा व्यवस्था कैसी है? यातायात व्यवस्था, गांव में रास्ते ‌कैसै है इन सभी की अनुभूति हुई है। ऐसे बहुत सी अनुभूतियां समाज के अंदर सामाजिक अनुभूति के दौरान देखने को मिली। सामाजिक अनुभूति के माध्यम से लोगों से भावनात्मक जुड़ाव भी हुआ। सामाजिक अनुभूति प्रत्येक गांव में अलग अलग अनुभव मिले।

Deepika Sharma

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