
मौलाना मुमताज अहमद वाइस प्रेसिडेंट जमीयत उलेमा( हिमाचल,हरियाणा,पंजाब,चंडीगढ़) व नजाकत अली हाशमी,मौलाना नूर अहमद नदवी,मौलाना ताजुद्दीन ने आज शिमला में एक प्रेस वार्ता के जरिए प्रदेश सरकार द्वारा उनकी शिकायतों को अनदेखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों से प्रदेश सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय से संबंधित मुद्दों की लगातार अनदेखी की जा रही है।जिस कारण प्रदेश में यह समुदाय अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश में अभी तक हज कमेटी का गठन नहीं किया गया है,जिसके कारण हज पर जाने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।और प्रदेश में सरकार बने 3 वर्ष गुजर चुके हैं ,किंतु अभी तक प्रदेश में अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम का गठन नहीं किया गया है।
पिछली प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए पदों पर अभी तक उर्दू अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है।तबलीगी जमात के खिलाफ जो केस में उन्हें वापस लिया जाए।इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में शरारती तत्वों द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।जुल्म और ज्यद्तिया की जा रही है।बिलासपुर में एक विशेष संस्था द्वारा खुलेआम मदरसों के बारे में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया ।और पूरे मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध बिलासपुर में जुलूस निकाला गया। जिसमें आपत्तिजनक नारे एवं भाषण दिए गए। यह सब सरकार और प्रशासन के सामने खुलेआम हुआ। इसकी मिसाल एक एफ आई आर है जो पिछले कल ही बिलासपुर में दर्ज करवाई गयी हैं।
उनका कहना है कि कुछ लोग पूरे माहौल को खराब करना चाह रहे हैं,और प्रदेश सरकार इस विषय पर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विषय में उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से भी हुई है,लेकिन अभी तक उनकी इन सभी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकला है।



