अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला महानगर ने 23 मार्च बलिदान दिवस पर निकली बलिदान यात्रा।
अ.भा.वि.प शिमला ने बलिदान यात्रा निकाल कर किया भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को याद।

आज 23 मार्च को “बलिदान दिवस” अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ‘शिमला’ महानगर इकाई द्वारा भारत के सर्वोच्च एवं अमर बलिदानी भगत सिंह , सुखदेव , राजगुरु जी की पुण्यतिथि के अवसर पर शिमला शहर में बलिदान यात्रा निकालकर उन्हें याद किया।
गुलाम भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में युवाओं के अंदर राष्ट्र प्रथम की भावनाओं को जागृत करके समस्त देश में देश की आजादी की चिंगारी को तेज करने वाले एवं युवाओं में देशभक्ति की अलख जगाने वाले अमर बलिदानी वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु जी की याद में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ‘शिमला’ महानगर इकाई ने वीरवार को उपायुक्त कार्यालय शिमला से लोअर बाज़ार लेकर होते हुए , शेरे पंजाब तक वह शेरे पंजाब से वापस उपायुक्त कार्यालय तक भव्य “बलिदान यात्रा” निकालकर उन्हें याद किया , एवं उपायुक्त कार्यालय के बाहर श्रद्धा सुमन अर्पित किए, इस अवसर पर शिमला महानगर के सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला जिला के जिला संयोजक समीर ठाकुर ने की कहा भगत सिंह समस्त देश के युवाओं के मार्गदर्शक एवं प्रेरणा स्रोत है एवं देश के युवाओं में देश की आजादी की चिंगारी को लगाकर युवाओं को राष्ट्र के प्रति संगठित होने की भावनाओं को उजागर करके अंग्रेजों से लोहा लेकर इतिहास के पन्नों में अपने नाम को सदा के लिए अमर करके गए हैं ।अंग्रेजी हुकूमत की नींव को हिलाने वाले देश के अमर क्रांतिकारी भगत सिंह सुखदेव व राजगुरु जी को आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी दी गई थी ।इसी उपलक्ष्य पर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उन्हें याद किया है।
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को आज भगत सिंह को पढ़ने की आवश्यकता है वह उनके विचारों के माध्यम से हम देश व्याप्त सभी प्रकार की समस्याओं को जड़ से उखाड़ फेंकने का काम भी करेंगे अतः युवाओं में नशा कि जो समस्या इस समय गंभीर है इन सभी समस्याओं का निवारण भगत सिंह जी के विचारों से असंभव है क्योंकि जिस उम्र में आज युवा नशे की चपेट में आ रहा है उस उम्र में भगत सिंह ने अपने देश को प्रथम मानते हुए देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने का कठोर संकल्प लिया था तो इस अवसर पर हम भी इस देश को देश की आंतरिक आतंकवाद से समाप्त करने का संकल्प लें।




