
असर पर बेबाक आवाज़
एड्स, शायद वे शुरू शुरू में तुम्हें इस्तेमाल करते थे और तुम्हारे महत्त्व को समझते थे और तुम्हें लगा के हर बार हर जगह तुम्हारा ही उपयोग हो जो संभव नहीं था, जैसे ही तुम्हें उतार कर फेंक दिया एड्स हो गया। उस हिसाब से समझ गए न तुम क्या हुए ।
और कैंसर, ये बहुतायत उसे होता है जो किसी तरह के नशे या किसी रोग प्रतिरोधक कमी के कारण या अत्याधिक शारीरिक संघर्ष से पैदा होता है, जो स्वतंत्रता पश्चात् भारत निर्माण के लिए हमारे पूर्वजों ने किया और परिणामस्वरूप कैंसर हो गया पर तुम जैसे विषैले जानवरों के लिए जेएनयू DU और कई महान संस्थान छोड़ गए ताकि तुम इंसान बन सको देश के सबसे महंगे कवि बन सको।
और डायबिटीज़, ये मोटी चमड़ी की बीमारी है, अमीरों की बीमारी है जो कुछ नहीं करना चाहता सिर्फ़ कुर्सी पर बैठना चाहता है ।
और हां आपका विषय बहुत बड़ा है प्रभु श्रीराम, महोदय आपका ही नहीं ये आज हर उस महत्वकांक्षी धूर्त और स्वार्थी मनुष्य का विषय है जो प्रभु श्रीराम का दिया हुआ सब कुछ होते हुए भी देश को और जनता को मूर्ख बनाने में लगा है अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए।
याद करें आज आप उन्हीं की चाट रहे हो जो कभी विदेशों में आपके सम्मेलनों की सारी टिकटें अपने पूंजीपति मित्रों द्वारा खरीदवा देते थे और आप अकेल अपनी कविता सुनते थे।
आप उसी तुच्छ मनुष्य की तरह हैं जो क्षणिक लोभ के दबाव में अपने गुणों को त्याग देता है और उम्र भर भौतिक संपन्न होने के वावजूद पश्चाताप की अग्नि में जलता है, आपका भविष्य भी कुछ एसा ही है ।



